24 न्यूज अपडेट उदयपुर। उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा से आज नगर निगम में जिन नई सिटी बसों का लोकार्पण करवा कर सौगात के रूप में पेश किया जा रहा है दरअसल उन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी हैं। आज हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाने की आखिरी तारीख भी है। ऐसे में अगर तारीख आगे नहीं बढी तो कल से ये सभी बसें रोड पर चल ही नहीं सकती। यदि चल गई तो नियमानुसार रोड पर आते ही पहली बार में 5 हजार रूपए तक का चालान तो दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार रूपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा। ये बात अलग है कि राजनीतिक छत्रछाया के चलते आरटीओर स्तर पर इन बसों को कोई अघोषित छूट या वरद हस्त दे दिया जाए तो बात अलग है। लेकिन तब जनता सवाल उठाएगी कि खुद खाए काकड़ी तो दूसरो को कैसे दे रहे हो आकड़ी?????
बड़ा सवाल उठ रहा है कि इतनी क्या जल्दी थी इनके उद्घाटन की। डिप्टी सीएम साहब के आने की वजह से यदि आनन-फानन में प्रोग्राम बनाना भी पड़ गया तो भी उद्घाटन के समय ही घोषणा कर देनी थी कि हम हाई सिक्योरिटी प्लेट लगवाने के बाद ही इन वाहनों को ऑनरोड करेंगे। दूसरा सवाल यहां यह सामने आ गया कि क्या डिप्टी सीएम साहब को उद्घाटन से पहले यह बताया गया कि इन 8 बसों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाई है। क्योंकि यदि राजनीति में उंचे दर्जे वाली सीट पर बैठा व्यक्ति ही नियमों की अनुपालना करता नहीं दिखाई देगा तो जनता में भी यही संदेश जाएगा कि क्या फर्क पड़ता है। हमारा चालान बनेगा तब हम भी यह एक्सक्यूज ले लेंगे कि डिप्टी सीएम बैरवा साहब ने खुद बिना हाई सिक्योरिटी प्लेट वाली बसों का उद्घाटन किया था, नियम क्या हमारे लिए ही बने हैं। नगर निगम के पास वाहनों का बेड़ा है, इतने सारे मोटी तनख्वाह पाने वाले अधिकारी हैं, बकायदा गैराज शाखा है, क्या किसी को नहीं पता कि बिना हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाए वाहनों का उद्घाटन करवाना उचित नहीं है। मेयर साहब खुद इंजीनियर हैं, क्या उन्हें नियम नहीं पता? इस मामले में दिख यह रहा है कि आनन-फानन में डिप्टी सीएम साहब के आने की सूचना मिलते ही उद्घाटन का कार्यक्रम तय कर दिया गया, यह नहीं देखा गया कि बसों के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें तक नहीं लगी हैं। या फिर पता भी था तो जरूरी नहीं समझा किया, क्या फर्क पड़ता है वाला चलताउ रवैया अपनाया गया। आठों बसों पर हाई सिक्योंरिटी नंबर प्लेटें नहीं होना बता रहा है कि लगातार तारीखें बढ़ने के बाद भी हाई सिक्योरिटी प्लेटों के आवेदन को जरूरी मसला नहीं समझा गया। सिटी बसें पुरानी थी व उनका रंग रोगन कर तुरत-फुरत शुभारंभ हो गया। इधर, उद्घाटन के बाद यह भी खबर आई थी कि इंश्योरेंस भी रिन्यूड है या नहीं, हालांकि इस बारे में पुष्टि नहीं हो सकी है कि सभी बसों का इंश्योरेंस रिन्यूड है या नहीं। कुछ अपडेट बताने वाले एप में कुछ सिटी बसों के इंश्योरेंस की सूचना उद्घाटन के समय इंश्योरेंस एक्सपायर की श्रेणी वाली बता रही थी मगर कुछ घंटों बाद ही उसी एप पर कुछ के इंश्योर्ड होने की अपडेट जानकारी आ गई। यह तथ्य निगम के स्तर पर जांचने का विषय है। बहरहाल, नगर निगम की सिटी बसों को चेतक से कलड़वास एवं बड़ी से गीतांजलि हॉस्पिटल रूट पर चलाया जाना है। कार्यक्रम में शहर विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, नगर निगम महापौर जीएस टांक, उपमहापौर पारस सिंघवी समेत पार्षद एवं निगम अधिकारी रहे मौजूद।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की आज है लास्ट डेट, निगम जैसा काम न करें
वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट (एचएसआरपी) के लिए आवेदन की अंतिम तारीख आज शनिवार को है। ऐसे में अचानक इसके लिए आवेदनों की तादाद बढ़ गई है। पोर्टल पर आवेदकों की बाढ आई हुई है। स्लॉट हासिल करने में मुश्किलें आ रही है। बंद हो चुकी वाहन कम्पनियों के वाहन मालिक पोर्टल पर उनके डीलर के नाम या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से खासा परेशान होना पड़ रहा है। ऑनलाइन आवेदन में वाहनों की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) अपडेट नहीं होने से भी मुश्किलें बढ़ गई है। एचएसआरपी के आवेदन के लिए वाहनों की आरसी अपडेट होना जरूरी है। परिवहन विभाग में इसके लिए आवेदन करने वालों की संख्या में एकदम से इजाफा हो गया है। आरसी अपडेशन के लिए अतिरिक्त ऑपरेटर लगाने पड़े हैं। इसके बावजूद उदयपुर में करीब ढाई हजार आवेदन लम्बित है। दस दिनों में आरसी अपडेट कराने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। परिवहन विभाग के पास 50-60 आरसी प्रतिदिन ही अपडेट करने की क्षमता है। अवकाश के दिन में आरसी अपडेट की जा रही है। ऐसे में स्थिति यह हो गई है कि एचएसआरपी के लिए आवेदन की अंतिम तारीख से पहले बड़ी तादाद में आरसी अपडेट होना मुश्किल लग रहा है। राजस्थान में 1 अप्रेल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने के लिए परिवहन विभाग ने अनिवार्यता लागू की है। पहले परिवहन विभाग ने वाहनों पर एचएसआरपी के लिए 23 नवम्बर 2023 को टाइम फ्रेम जारी किया था। जिसके तहत वाहन स्वामियों को वाहन के पंजीयन नम्बर के अनुसार आवेदन करना है। लेकिन शुरुआत से ही इसकी गति धीमी रही और तारीख बढ़ती गई। अब विभाग ने इसके लिए 10 अगस्त अंतिम तारीख तय की है। इसके बाद बगैर एचएसआरपी वाले वाहनों के चालान बनाए जाएंगे।

