24 न्यूज अपडेट उदयपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय के अंतर्गत आयोजित हो रहे नौ दिवसीय “अलविदा तनाव – हैप्पीनैस प्रोग्राम“ के तीसरे दिन पूनम बहन ने आध्यात्मिक ज्ञान का पहला पाठ “स्वयं को पहचानना कि मै कौन हूँ “ सिखाया । प्रोग्राम के मीडिया कार्डिनेटर के अनुसार पूनम बहन ने कहा कि अधिकांश मनुष्य “मै कोन हू“ को अपने भैतिक रुप ( वंश/व्यवसाय / नागरिकता आदि) से परिभाषित करते है जबकि वास्तव मे इससे मै नहीं अपितु मेरा नश्वर शरीर परिभाषित होता है । वास्तव मे मै एक शक्ति शाली आत्मा के रुप मे शरीर ने विध्यमान प्रकाश पुंज / ज्योति पुंज है जिसके आदेश से मनुष्य के जीवन मे कोई भी बात असंभव नहीं रहती है। आत्मिक ज्ञान आते ही मन आत्मा के अधीन आ जाता है व उसके आदेशानुसार सभी कार्यों को करने पर बाध्य हो जाता है । मनुष्य को आत्म ज्ञान प्राप्ती के लिये अपने अंदर में सोचते रहना होगा की मैं एक शक्ति हूं ऐक ऊर्जा (एनर्जी) हू । जब तक मैं (आत्मा) ऊर्जा इस शरीर में मुझे अपने चैतन्य होने का आभास होता रहेगा। इसके विपरीत जब यह मै (आत्मा) ऊर्जा इस शरीर को त्याग देगी तब मेरा चैतन्य समाप्त हो जायेगा और मेरा शरीर मर जायेगा। यह मेरा शरीर नश्वर है परंतु मै (आत्मा) अजर अमर हू । मनुष्य सदैव अपने को विचार दे, कमांड दे की मैं ऊर्जावान, शक्तिवान हूं। खुद को ऐसे ऊर्जावान आत्मा समझने से जीवन मे निम्न फायदे होते हैं : म्रत्यु का भय समाप्त, नकारात्मक विचारों पर रोक, डिसीजन मेकिंग मे स्पष्टता , मेंटल टेंशन से मुक्ति होगी, मन एकाग्र होगा जिससे कार्य जल्द पूरा कर सकेंगे, शरीर मे सेल्फ हीलिंग पावर विकसित होगा ।
आज की खुशी का मंत्र जीवन मे तीन स्वाकारोक्तियां को अपनाना, जो बीत गया सो बीत गया व जो हो रहा हैं उसे स्वीकार कीजिए की यही नियति की नीति थी ।जो बीत गया उसे भूल जायें।ऐसा सोचने से नेगेटिव बात भी पॉजिटिव हो जाएगी । सब दिन एक न होत समान-आपके साथ रह रहे /काम कर रहे है व्यक्तियों को पूर्णतया स्वीकार कीजिए और उनके किये गये क्रृत्यों पर “वाई वाई“ पूछने के बजाय “वाह वाह“ कीजिये। हैप्पीनैस प्रोग्राम के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि आज के आत्म ज्ञान के बाद कल मंगलवार को पूनम बहन आनंद उत्सव के अंतर्गत शिविरार्थियों को गहन ईश्वरीय अनुभूती करायेंगी ।


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