24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान के 18 लाख से ज्यादा युवाओं को सीएम ने तोहफा दिया है। सरकार ने समान पात्रता परीक्षा सेकेंडरी लेवल के स्टूडेंट्स के लिए पांच दिन तक बसों में सफर की सौगात दी हैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि अब सामान पात्रता परीक्षा में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स अपना एडमिट कार्ड और आधार कार्ड दिखाकर परीक्षा शुरू होने से 2 दिन पहले और परीक्षा खत्म होने के 2 दिन बाद तक राजस्थान के किसी भी शहर गांव या कस्बे से सरकारी बसों में फ्री में सफर कर सकेंगे। राजस्थान में वनपाल, छात्रावास अधीक्षक, कॉन्स्टेबल जैसी 12 भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा समान पात्रता परीक्षा सेकेंडरी लेवल का आयोजन 23 से 26 अक्टूबर तक तीन दिन 6 परियों में किया जाएगा। जिसमें शामिल होने के लिए प्रदेशभर के 18 लाख 65 हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर पोस्ट करते हुए कहा कि छात्रों के हितों और उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने समान पात्रता परीक्षा सीनियर सेकेंडरी लेवल सेट में शामिल होने वाले सभी परीक्षार्थियों को परिवहन निगम की बसों में राज्य की सीमा के अंदर विशेष यात्रा सुविधा देने का फैसला किया है। यह सुविधा परीक्षा दिवस से 2 दिन पहले और परीक्षा खत्म होने के 2 दिन बाद तक उपलब्ध रहेगी। जिसके अंतर्गत परीक्षार्थी अपने निवास स्थान कोचिंग संस्थान या फिर प्रदेश के किसी भी हिस्से से परिवहन निगम की बसों में अपने परीक्षा केंद्र तक फ्री में सफर कर सकेगा। आपको यह बता दें कि राजस्थान में को इससे पहले भी भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के दौरान सरकारी बसों में फ्री में सफर करने की सुविधा दी जाती थी। लेकिन अब तक यह सुविधा प्रतियोगी परीक्षा शुरू होने से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक यानी तीन दिन के लिए ही होती थी। स्टूडेंट अपने गृह जिले से ही परीक्षा केंद्र तक फ्री में सफर कर सकते थे। अब भजनलाल सरकार ने इस बाध्यता को हटाते हुए न सिर्फ स्टूडेंट्स को भर्ती परीक्षा शुरू होने से 2 दिन पहले और 2 दिन बाद यानी कुल 5 दिन फ्री में सफर करने की सुविधा दी है। बल्कि, गृह जिले की बाध्यता को हटाते हुए राजस्थान सीमा में कहीं से भी स्टूडेंट को फ्री में सफर करने की छूट दी
स्टूडेंट को तोहफा : सीईटी एग्जाम वाले स्टूडेंट राजस्थान में 5 दिन फ्री में सफर करेंगे, गृह जिले की बाध्यता को भी किया खत्म

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