उदयपुर। नेताओं को सिंहासन कॉमन मैन देता है। उसी कॉमन मैन की सेवा के लिए मोटी तनख्वाह पर अफसर तैनात होते हैं। मगर चमचागिरी सबसे ज्यादा नेताओं की होती है। उनके आते ही घंटों रास्ता रोक कर याातायात बाधित कर दिया जाता है लेकिन जब बात जनता की सुविधा की आती है तो पुलिस कहीं दिखाई नहीं देते। नेता आंख मूंद लेते हैं। नतीजा हर रोड पर जाम, हर तरफ बिलबिलाता आम आदमी, रेंगता हुआ, आपस में एक-एक इंच आगे बढऩे के लिए झगड़ता हुआ आम आदमी। कहीं कोई प्री प्लान नहीं, कोई ठोस यातायात का रोडमेप नहीं, कोई प्री-प्लांड एडवाइजरी नहीं, कोई वैकल्पिक मार्ग का सजेशन नहीं। कल व आज सीईटी परीक्षा के बाद जाम के जो नजारे देखने को मिल रहे हैं उनसे कर्णधारों की नींद उड़ जानी चाहिए थी मगर यहां तो कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। हर तरफ, हर रोड पर जाम। क्या पुलिस-प्रशासन को नहीं पता था कि कितने विद्यार्थी कहां कहां से परीक्षा देने आ रहे हैं। कितने बजे किस सडक़ पर यातायात का कितना दबाव बढ़ जाएगा। ऐसे में भारी वाहनों व अनावश्यक रूप से खास सडक़ों पर चल रहे चार पहिया वाहनों को डाइवर्ट क्या नहीं किया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया क्योंकि पुलिस व प्रशासन की नजरों में परीक्षा देने वाले बच्चे वीआईपी नहीं हैं। वे सडकों पर भारी यातायात से बचते-बचाते पैदल अपनी रिस्क पर बस अड्डे का सुरक्षित रूख कर लें इसक लिए कोई प्लान नहीं है। जबकि यह यातायात पुलिस का मूलभूत काम है। हमारे देश के कर्णधार एग्जाम देने निकले हैं, यदि सडक़ों को बंद कर उनको प्रायोटी देनी पड़े तो भी कम ही होगा। लेकिन यह सोच आखिर आएगी कहां से? अफसर केवल नेताओं के इशारे पर काम करते हैं और नेताओं की प्राथमिकता लिस्ट में कभी परीक्षार्थी रहे ही नहीं है। ऐसे में जनता को जागते हुए ऐसे प्रशासन व नेताओं की खबर जरूर लेनी चाहिए।
92 फीसदी से अधिक रही उपस्थिति
अब बात एग्जाम की। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित समान पात्रता परीक्षा (स्नातक स्तर) का तृतीय व चतुर्थ चरण शुक्रवार को संपन्न हुआ। शनिवार को 84 परीक्षा केंद्रों पर दो पारियों में परीक्षा हुई। दोनों पारियों को मिलाकर 53 हजार 520 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इसमें से कुल 49 हजार 408 अभ्यर्थी उपस्थित रहे। पहली पारी प्रात: 9 से 12 में कुल पंजीकृत 26 हजार 759 अभ्यर्थियों के मुकाबले 24 हजार 658 अभ्यर्थी उपस्थित रहे तथा 2 हजार 101 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। इस प्रकार पहली पारी में कुल 92.15 फीसदी उपस्थिति रही। इसी क्रम में दूसरी पारी सांय 3 से 6 बजे में 26 हजार 761 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिसमें 24 हजार 750 अभ्यर्थी उपस्थित रहे तथा 2 हजार 11 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। इस प्रकार दूसरी पारी में कुल 92.49 फ़ीसदी उपस्थिति रही। इस प्रकार शुक्रवार और शनिवार को हुई परीक्षा में कुल 1 लाख 7 हजार 38 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 98 हजार 713 अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
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