कविता पारख
24 न्यूज़ अपडेट निम्बाहेडा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ इकाई द्वारा न्यू सेंट्रल अकैडमी गांधीनगर में गोस्वामी तुलसीदास जयंती हर्षाल्लाह से मनाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्रधान माया साहू ने किया। जबकि मुख्य वक्ता अखिल भारतीय साहित्य परिषद चित्तौड़ इकाई के महामंत्री राधा किशन साहू रहे। मुख्य वक्ता राधा किशन साहू ने कहा कि तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस हिंदू समाज को संगठित करने के लिए अचूक ब्रह्मास्त्र है। आज घर-घर में लोगों द्वारा रामचरितमानस और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। भारत के विभिन्न स्थानों पर बने श्री राम एवं हनुमान के मंदिर भारतीय लोगों के राम के प्रति आस्था के प्रतीक हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम कथा को तत्कालीन हिंदी अवधी भाषा में लिखकर आम लोगों तक पहुंचाया। उससे पहले राम कथा संस्कृत में महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित पढ़ी जाती थी जो साधारण व्यक्ति को समझ में नहीं आती थी। लोगों की बोलचाल की भाषा में आई रामकथा को लोगों ने सहर्ष स्वीकारा और जन-जन के कंठ कंठ द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाने लगा। जब देश मुगलों के आतंक से त्रस्त था उस वक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने भारत की जनता में राम कथा के माध्यम से स्वाभिमान का जागरण किया। अध्यक्षता कर रही माया साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि राम भारत के प्राण तत्व हैं, बिना राम के भारत की कल्पना करना नामुमकिन है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा को जन-जन तक पहुंचने में कलयुग में तुलसीदास जी का अहम योगदान है। आध्यात्मिक गुरु मानते हैं कि महर्षि वाल्मीकि का तुलसीदास जी के रूप में पुनर्जन्म हुआ। धन्यवाद ज्ञापन टीना उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन हेमलता शर्मा ने किया। इस अवसर पर दिव्यांशी चौहान, दिव्या बांगड़, पूजा सुथार, रंजना बेनीवाल, नरेंद्र माली, प्रकृति दर्क, दिव्या, रेखा पारीक सहित विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।
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