24 न्यूज अपडेट.डूंगरपुर। भील प्रदेश की मांग अब स्कूलों तक पहुंच गई है। अध्यापक बच्चों से इसकी प्रार्थनाएं करवाने लगे हैं जबकि नियमानुसार स्कूलों में राज्य सरकार के नियमानुसार अनुमोदित प्रार्थनाएं हीं करवाईं जा सकती हैं। डूंगरपुर के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल डोलवर उपली में भील प्रदेश की प्रार्थना का वीडियो वायरल होने के बाद वहां पहुंची प्रशासनिक जांच टीम ने इसकी पुष्टि की और 2 अध्यापकों को व प्रिंसिपल को एपीओ किया। वीडियो में भील प्रदेश की सामूहिक प्रार्थना करते हुए बच्चे दिखाई दे रहे हैं। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री (टीएडी) ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीईओ) रणछोड़ लाल डामोर ने मीडिया को बताया कि- सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा को लेकर सरकार की ओर से स्पष्ट गाइड लाइन है। इधर, टीएडी और प्रभारी मंत्री बाबूलाल खराड़ी के सामने 14 जुलाई को भील प्रदेश की प्रार्थना का मामला आने पर उन्होंने इसे गलत बताते हुए जांच के आदेश दिए। कलेक्टर के आदेश के बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रणछोड़ लाल डामोर ने एक कमेटी का गठन करते हुए पूरे मामले की जांच करवाई। वायरल वीडियो की जांच में स्कूल में भील प्रदेश की प्रार्थना करवाने की पुष्टि हुई। जिस पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल डोलवर उपली के प्रिंसिपल हरिप्रकाश परमार, पीटीआई जगदीश रोत और सीनियर टीचर जीवराज डामोर को एपीओ किया है। एपीओ के दौरान प्रिंसिपल हरिप्रकाश परमार को संयुक्त निदेशक कार्यालय उदयपुर भेजा गया है। दोनों टीचर जीवराज डामोर और जगदीश रोत को माध्यमिक शिक्षा ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए। इस बारे में टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी का बयान आ गया है। उन्होंने कहा है- भील प्रदेश की मांग को कोई भी कर सकता है ये उसका अधिकार है, लेकिन सरकारी स्कूलों में प्रार्थना और शिक्षा को लेकर एक नियम है। उसी के अनुसार प्रार्थना करवाना है। भील प्रदेश की प्रार्थना करवाना गलत है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रणछोड़ लाल डामोर कहते हैं कि सरकारी स्कूलों में प्रार्थना को लेकर सरकार की गाइडलाइन है। उसी के अनुसार प्रार्थना करवाने का नियम है। जिसमें सरस्वती वंदना और देशभक्ति से जुड़ी प्रार्थना का नियम हैं। इसी से जुड़ी प्रार्थना स्कूलों में करवा सकते हैं
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