24 न्यूज अपडेट. जोधपुर। लिव-इन में रहने वाली शादीशुदा महिला को पति से गुजारा भत्ता देने से जोधपुर कोर्ट में मना कर दिया है। जोधपुर फैमिली कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को फैसला सुनाया कि दूसरे व्यक्ति की ओर से महिला का खर्चा उठाए जाने के साक्ष्य मौजूद हैं। महिला को पहले पति से भरण-पोषण पाने का अधिकार नहीं है। पारिवारिक कोर्ट संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी दलपत सिंह राजपुरोहित ने मांग को खारिज कर दिया। सूंथला निवासी इस महिला ने पारिवारिक कोर्ट में घरेलू हिंसा का परिवाद पेश किया था। महिला ने कोर्ट से कहा कि वह लंबे समय से पति से अलग रह रही है। नागौर के कुचेरा निवासी उसके पति का बिजनेस है। हर महीने की इनकम करीब 1.25 लाख है। उसे 30 हजार रुपए मासिक भरण-पोषण दिलाया जाए।
लिव-इन रिलेशनशिप में रहती
महिला के पति के कहा कि महिला ने खुद दौसा एसपी को खर्च संबंधित व्यक्ति के द्वारा उठाने की जानकारी दी। पुलिस जांच में महिला का राजकुमार नामक व्यक्ति के साथ रिलेशनशिप में रहना पाया गया। महिला ने भी संबंधित कोर्ट में हुए बयानों में भी लिव-इन रिलेशनशिप को स्वीकार किया। उसका खर्च राजकुमार उठा रहा है। जबकि पति से भरण-पोषण की मांग करते हुए दायर परिवाद में महिला ने कहा कि वह कोई काम नहीं जानती। पीहर पक्ष पर आश्रित है और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
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