24 न्यूज अपडेट, जयपुर। तकनीक के बढ़ते दायरे ने जहां एक ओर नई संभावनाओं को जन्म दिया है, वहीं इसका गलत इस्तेमाल अपराध को भी नई दिशा दे रहा है। जयपुर ग्रामीण पुलिस ने एक चौंकाने वाला मामला पकड़ा है, जिसमें ल्वनज्नइम देखकर एक बीएड स्टूडेंट नकली नोट छापने का एक्सपर्ट बन गया। पुलिस ने उसे 1.05 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी नकली नोटों की सप्लाई कर 5 गुना मुनाफा कमा रहा था।
यू ट्यूब सीखा नकली नोट छापने का खेल
अमरसर थाना पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी सचिन यादव (21) शाहपुरा के अमरसर गांव का रहने वाला है और एक प्राइवेट कॉलेज से बीएड की पढ़ाई कर रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि यू ट्यूब पर वीडियो देखकर उसने नकली नोट बनाने का तरीका सीखा। फिर प्रिंटर, कागज, इंक और कटर खरीदा और गांव के पैतृक मकान में नकली नोटों की फैक्ट्री बना ली।
100 और 200 के 720 नकली नोट बरामद
थानाधिकारी अरुण सिंह ने बताया कि पुलिस को 13 मार्च को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक लड़का बाइक पर नकली नोटों की सप्लाई करने धानोता से राडावास की ओर जा रहा है। इस पर पुलिस टीम ने राडावास रोड पर नाकाबंदी कर दी। नाकाबंदी के दौरान संदिग्ध बाइक सवार को रोका गया। तलाशी में उसके पास 100-100 के 390 नोट (39,000 रुपए) और 200-200 के 330 नोट (66,000 रुपए) मिले। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
5 गुना मुनाफे में चल रहा था खेल
पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। वह असली नोट के बदले 5 गुना नकली नोट सप्लाई करता था। यानी अगर कोई 10,000 रुपए के असली नोट देता, तो बदले में उसे 50,000 रुपए के नकली नोट मिलते। इस तरह उसका नेटवर्क तेजी से फैलने लगा था।
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