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राम को नेपाली बताने वाले ओली बने नेपाल के प्रधानमंत्री

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24 न्यूज अपडेट. नेशनल डेस्क। नेपाल में पुष्प कमल दहल सरकार गिर गई है और केपी ओली ने चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। भगवान राम को नेपाली बताने वाले केपी ओली को राष्ट्रपति नेपाल के रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति कार्यालय में प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। ओली चीन समर्थक हैं। उन्होंने भारत समर्थक माने जाने वाले शेर बहादुर देउबा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने 12 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, वह संसद में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे। वे सिर्फ 1 साल 6 महीने ही प्रधानमंत्री रह पाए। इससे पहले चीन समर्थक केपी शर्मा ओली की पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल से गठबंधन तोड़ लिया था। इसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और नेपाल के रिश्तों पर थोड़ा असर पर सकता है। केपी ओली सरकार में ही नेपाल ने अपना एक नक्शा जारी किया था जिसपर विवाद खड़ा हो गया था। नेपाल ने मई 2020 में अपना आधिकारिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाके को नेपाल की सीमा में दिखाया गया था। भारत ने इस पर आपत्ति जाहिर की थी और इस नक्शे को मानने से इनकार कर दिया था। इस बार सरकार में नेपाली कांग्रेस भी है। इस पार्टी का संबंध भारत से अच्छा है। नेपाली कांग्रेस डिप्लोमेसी के जरिए समस्या का समाधान ढूंढने पर जोर देती है। ऐसे में नई सरकार भारत के साथ रिश्ते में अधिक बदलाव कर पाएगी इसकी संभावना कम है।

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