कविता पारख
24 News Update निम्बाहेड़ा। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के 12 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल व कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने निम्बाहेड़ा निवासी आशीष टांक को स्टडी ऑफ हाईड्रोजियोलोजिकल कंडीशंस इन मकराना ब्लॉक ऑफ नागौर डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल पार्ट ऑफ राजस्थान इंडिया विषय (भूजल विज्ञान) पर विद्या वाचस्पति (डॉक्टर ऑफ फिलोसोफी) की उपाधी प्रदान की। इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कई मेधावी छात्रों को उपाधियां एवं पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राजस्थान सरकार की महिला व बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती मंजू बाघमार, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. कैलाश सोडाणी एवं विशिष्ट अतिथि दिर्घा में पूर्व विधायक अशोक नवलखा सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि परंपरा के साथ आधुनिक ज्ञान की दृष्टि से ही भारत विश्व गुरु बनेगा। विश्वविद्यालय में कुलपति को कुलगुरु कहना प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति की पुनस्थापना की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में इस प्रकार के पाठ्यक्रम तैयार होने चाहिए, जिससे समाज में रोजगार का सृजन हो सके। ज्ञान की विभिन्न शाखाओं का अध्ययन कर युवा उद्यमी बनने चाहिए, इससे देश के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित होगा।
दीक्षांत समारोह के पश्चात निम्बाहेड़ा लौटते समय मार्ग में बिजयनगर स्थित प्राज्ञ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, बिजयनगर प्रबंधन की ओर से प्राज्ञ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. नवल सिंह जैन, संस्था सचिव अजित लोढ़ा ने डॉ. आशीष टांक का विद्या वाचस्पति की उपाधि से अलंकृत होने पर स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
ज्ञातव्य है कि डॉ. टांक ने शोध पर्यवेक्षक भूगर्भ शास्त्र में प्रो. डॉ अरुण व्यास के पर्यवेक्षण में राजकीय बांगड़ महाविद्यालय डीडवाना के भूगर्भ शास्त्र विभाग से अपना शोध कार्य किया। महामहिम राज्यपाल व कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागड़े द्वारा विद्या वाचस्पति (डॉक्टर ऑफ फिलोसोफी) की उपाधी प्राप्त करने पर डॉ. टांक को परिजनों, इष्ट मित्रों ने बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की है।
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