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मानव सभ्यता पर्यावरण पर आश्रित – प्रो. सारंगदेवोत (जलवायु परिवर्तन का जैव विविधता पर प्रभाव विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन )

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। / जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) उदयपुर के विज्ञान संकाय के जंतु विज्ञान विभाग की ओर से प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में जलवायु परिवर्तन का जैव विविधता पर प्रभाव विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, वरिष्ठ सीए एवं समाजसेवी डॉ. श्याम सिंघवी, मुख्य अतिथि केन्द्रीय विवि हरियाणा की प्रो. नीरजा धनकर , विशिष्ठ अतिथि एमपीयूटी के पूर्व डीन प्रो. विमल शर्मा, मुख्य वक्ता पूर्व डीन प्रो. एल. एल. शर्मा, निदेशक डॉ सपना श्रीमाली, सांयकालीन निदेशक डॉ. जय सिंह जोधा ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया ।
विशिष्ट अतिथि प्रो. विमल शर्मा, डॉ श्याम सिंघवी ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं और उसके जैव विविधता के प्रभाव पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों के कारण जलवायु में हो रहे परिवर्तन का व्यापक असर मानव समुदाय स्वास्थ्य और प्राकृतिक संसाधनों पर हो रहा है।
अध्यक्षता करते हुए प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज पुरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है इससे आमजन ही प्रभावित नहीं हो रहा है वरन् जैव विविधता पर भी इसका असर हो रहा है। जल, नदी व जंगल हमारे लिए केवल प्राकृतिक वस्तुएॅ नहीं हैं, ये तो हमारे अस्तित्व व आत्मा से जुड़े हैं। इनसे हमें उतना ही प्रेम है जितना स्वयं से है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी मानव सभ्यता जीवित रहेगी।
इसके कारण हमारे वन्य जीव लुप्त होते जा रहे है। सबसे ज्यादा असर उन वन्य जीवों पर पड़ा है जिनकी जलवायु सीमा सीमित है। एक अनुमान के अनुसार 69 प्रतिशत वन्य जीवोें में कमी आई है। इसके लिए आमजन को आगे आना होगा। हमें ग्रीन हाउस गैसों को कम करना होगा।
मुख्य अतिथि प्रो. नीरजा धनकर ने जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर विचार व्यक्त किए । आमंत्रित वक्ता प्रो. एल. एल. शर्मा, , प्रो. सुनील दत्त शुक्ला, प्रो. हेम सिंह गहलोत, डॉ. हीराराम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिसमें दो सत्र ऑनलाइन व दो सत्र ऑफलाइन थे। इन सत्रों में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी हुई चुनौतियों और उनके समाधानों पर गहन चर्चा हुई जिसमें 70 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। प्रारंभ में निदेशक डाॅ. सपना श्रीमाली ने अतिथियों का स्वागत करते हुए एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की जानकारी देते हुए बताया कि संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों के विषय विशेषज्ञ एवं शोधार्थी भाग ले रहे हैं। संगोष्ठी में अतिथियों द्वारा एक संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर डॉ. जयसिंह जोधा, डॉ. उत्तम प्रकाश शर्मा, डॉ. भावेश जोशी, डॉ. मंगल श्री दुलावत, डॉ. दीप्ति सोनी, डॉ. योगिता श्रीमाली, डॉ. खुशबू जैन, डॉ. पूजा जोशी, डॉ. हिमानी वर्मा, डॉ. ज्योत्सना पंवार, सुश्री शक्तिका चैधरी, सुश्री सिद्धिमा शर्मा, सुश्री लालिमा शर्मा सहित संकाय के सभी सदस्य विद्यार्थी व पीएचडी स्कॉलर्स उपस्थित थे। संचालन सिद्धिमा शर्मा ने किया जबकि आभार डाॅ. पूजा जोशी ने जताया।

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