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मतदान दलों ने दुर्गम स्थलों पर पहुंच कर कराया मतदान

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उदयपुर,। उखड़ खाबड़ पथरीली राहें, बियाबान जंगल और नदी-नाले भी कर्तव्य पथ पर चढ़ चले कदमों को नहीं रोक पाए। दुर्गम स्थलों की तमाम मुश्किलों को पार कर मतदान कर्मी चिन्हित बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के घर पहुंचे और उन्हें लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में सहभागिता का अवसर उपलब्ध कराया। अवसर था लोकसभा आम चुनाव- 2024 के तहत भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चल रही होम वोटिंग का। उदयपुर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी अरविन्द पोसवाल के निर्देशन में मतदान दल आयोग की मंशा को साकार करने में पूरे मनोयोग के साथ जुटे हुए हैं।
लोकसभा आम चुनाव- 2024 में जन-जन की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग कृतसंकल्पित है। 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक तथा 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले दिव्यांगजनों को घर बैठे मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए होम वोटिंग शुरू की गई है। उदयपुर संसदीय क्षेत्र के गोगुन्दा, झाडोल, खेरवाड़ा, उदयपुर ग्रामीण, उदयपुर, सलूम्बर, डूंगरपुर जिले के आसपुर तथा प्रतापगढ़ जिले के धरियावाद तथा चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में शामिल मावली और वल्लभनगर क्षेत्र में रविवार से होम वोटिंग का प्रथम चरण शुरू हुआ। उदयपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 3152 वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगजनों ने होम वोटिंग का विकल्प चुना है। इनसे मतदान कराने के लिए 70 टीमें आवंटित विधानसभा क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
गोगुन्दा विधानसभा के उखलियात क्षेत्र में दल संख्या 4 के पीठासीन अधिकारी प्रताप सिंह चूण्डावत अपने दल एमओ जीवन सिंह राव, देवीलाल एवं बीएलओ राजाराम गरासिया के साथ गर्मी में जंगल के बीच पथरीली सड़क से होते हुए करीब 5 किलोमीटर पैदल चल कर 91 वर्षीय राजी बाई के घर पहुंचे और पूर्ण गोपनीयता के साथ राजी बाई को मताधिकार का अवसर प्रदान किया। चुनाव आयोग के प्रयासों से इस बार लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में भागीदारी निभाने की खुशी राजी बाई के चेहरे से झलक रही थी। राजी बाई ने प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसी प्रकार झाडोल क्षेत्र में मतदान दल क्रमांक 6 पहाड़ी क्षेत्र में करीब एक किलोमीटर तक पैदल चढ़ाई कर दिव्यांग मतदाता अनाडू के घर पहुंचा और उससे मतदान कराया।

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