24 न्यूज़ अपडेट जयपुर। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भूमि विकास बैंकों के ऋणों के लिए एकमुश्त समझौता (OTS) योजना लागू करने से किसानों और लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, यह योजना आर्थिक संकट से जूझ रहे भूमि विकास बैंकों के लिए भी संजीवनी साबित होगी। सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सहकारी भूमि विकास बैंक वर्षों से किसानों और लघु उद्यमियों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराकर कृषि और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन बीते कुछ वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं और अन्य कारणों से कई किसान ऋण की किश्तें समय पर नहीं चुका सके, जिसके कारण इन बैंकों पर 760 करोड़ रुपये का अवधिपार ऋण बढ़ता चला गया। अब मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इस एकमुश्त समझौता योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे ऋणों की वसूली सरल होगी और बैंकों की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी। दक ने कहा कि राज्य सरकार के ‘सुराज संकल्प’ के तहत किसानों की भूमि नीलाम न करने का प्रावधान किया गया है। इसी के अंतर्गत भूमि विकास बैंकों द्वारा की जाने वाली नीलामी प्रक्रिया को भी स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस योजना की अपेक्षा थी और मुख्यमंत्री ने उनकी आशाओं को पूरा करते हुए यह बड़ा निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 1 जुलाई 2024 तक अवधिपार हो चुके मध्यकालीन और दीर्घकालीन ऋणधारकों को यदि वे अपने मूलधन की 100% राशि जमा करवा देते हैं, तो उन्हें अवधिपार ब्याज में 100% की छूट दी जाएगी।
सहकारिता मंत्री ने आगे बताया कि इस योजना से प्रदेश के भूमि विकास बैंकों से जुड़े 36,351 अवधिपार ऋणी सदस्यों को शत-प्रतिशत ब्याज राहत का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इन ऋणी सदस्यों को राज्य सरकार की 5% ब्याज अनुदान योजना के तहत नवीन कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि वे पुनः मुख्यधारा में लौटकर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
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