

4 न्यूज अपडेट.उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से 76वॉ गणतंत्र दिवस एग्रीकल्चर महाविद्यालय के प्रांगण में केन्द्रीय स्तर पर मनाया गया। समारोह के प्रमुख अतिथि भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. बाल मुकुंद पाण्डेय, कुलपति प्रो. प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, शिक्षाविद् प्रो. नीरजा धनकर, कर्नल प्रकाश कुमार एन., प्रो. शिवकुमार मिश्रा, समाजसेवी किशन लौहार, रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, प्रो. सरोज गर्ग ने झण्डारोहरण कर मार्च पास्ट की सलामी ली। समारोह में एनसीसी केडेट्स, एयरविंग, होम्योपेथी चिकित्सा महाविद्यालय, फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय, बीएड, एमएड, डी.एलएड, ओसीडीसी, कन्या महाविद्यालय के 1000 से अधिक विद्यार्थियों ने मार्च पास्ट किया। विद्यार्थियों द्वारा देश भक्ति, राजस्थानी गानों पर रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ देश भक्ति से ओतप्रोत नाट्य प्रस्तुतिकरण कर देश भक्ति का संदेश दिया।
संविधान भारत की आत्माः- डॉ. पाण्डे्य
मुख्य अतिथि डॉ. पाण्डे्य ने कहा कि हजारों वीरों के बलिदान के बाद हमें आजादी मिली और आजादी के बाद देश को सर्वश्रेष्ठ तरीके से चलाने के लिए एक समृद्ध और सशक्त संविधान की आवश्यकता थी। संविधान निर्माताओं ने कठोर परिश्रम से संविधान को मूर्त रूप दिया। भारत का संविधान भारत की आत्मा है। संविधान निर्माताओां का उपकार है कि उनके संविधान से भारत आज पूरे विश्व में गौरवशाली व महान लोकतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा प्राप्त कर चुका है। पाण्डे्य ने युवाआें से आव्हान किया कि वे भारत के संविधान को पढ़े।
प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि गणमंत्र दिवस हजारे देश की एकता व अखंड़ता का प्रतीक है। आज हमारा देश विश्व का सबसे युवा राष्ट्र हैं। हमारा नैतिक दायित्व है कि पूरी निष्ठा के साथ देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प करें। हमारे संविधान की विदेश नीति की जितनी सराहना की जाए कम है। पूरे विश्व की नजर भारत पर है। देश तेज गाति से ज्ञान व विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत की प्रतिभाएं देश विदेशों अहम बड़े पदों तक पहुंच रही हैं। हमारे योग व अध्यात्म को पश्चिमी राष्ट्र अपने जीवन में उतार रहे हैं। अब पूर विश्व इस बात को स्वीकार रहा है कि भारतीय ज्ञान व मूल्य शाश्वत हैं। देश ने मजबूत राष्ट्र के रूप में नए आयाम स्थापित किए है। भारत पूरे विश्व में स्वस्थ लोकतंत्र की जननी होने के साथ विश्व की प्राचीनतम जीवंत सभ्यताओं में से एक है। भारतीय गणतंत्र आज अपना 76वां स्थापना दिवस मना रहा है बीते 75 वर्षो में हमने अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियॉ हासिल की हैं लेकिन अभी भी ऐसे कई लक्ष्य हैं जो अभी बहुत दूर हैं। 2047 तक हर क्षेत्र में भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। कुल प्रमुख बीएल गुर्जर ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम वर्ग तक पहुंचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और शिक्षण संस्थानों का दायित्व है कि उच्च शिक्षा में नामांकन 100 प्रतिशत तक ले जाये। संचालन डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. इंदू आचार्य ने किया ने किया जबकि आभार डॉ. तरूण श्रीमाली ने जताया। समारोह में प्रो. जीएम मेहता, प्रो. मलय पानेरी, डॉ. पारस जैन, प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ. युवराज सिंह , डॉ. भवानीपाल सिंह राठौड, डॉ. सुभाष बोहरा, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. मधु मुर्डिया, डॉ. अवनीश नागर, डॉ. भूरालाल श्रीमाली, डॉ. सपना श्रीमाली, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमी राठौड, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. संतोष लाम्बा, डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. सौरभ सिंह सहित विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर, विभागाध्यक्ष, कार्यकर्ता, विद्यार्थी एवं शहर के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.