राजसमंद। अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णीमा (बैशाख पूर्णीमा) और अन्य सावों पर बाल विवाह रोकने के लिये प्रशासन ने कमर कस ली है। इस सम्बंध में जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में सभी बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों की बैठक हुई।
उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर के आदेश से स्थानीय सरपंच की अध्यक्षता में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत कार्मिकों के एक समिति का निर्माण किया गया है जो बाल विवाह रोकने हेतु कार्य करेगी। यदि इसके बावजूद भी यदि बाल विवाह होता है और निर्धारित समिति के बाल विवाह को रोकने में असफल रहने पर पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत सरपंचो पर एवं सरकारी कार्मिको पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
सभी बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को बाल विवाह की सूचना पर तत्काल प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट से निषेधाज्ञा जारी कराने को कहा साथ ही सभी उपखंड अधिकारी अपने क्षेत्र में हलवाई, पंडित और प्रिंटिग प्रेस वाले को नोटिस जारी करेंगे। बाल विवाह रोकने पर पुलिस को बाल विवाह अधिनियम के साथ ही जेजे एक्ट, पीटा अधिनियम और पोक्सो में भी मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए है। साथ ही सभी विभागों को आपसी समन्वय एवं सक्रिय सहभागिता के साथ कार्य करने हेतु कहा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया की कोई भी व्यक्ति 1098, 112, 100 या 181 पर बाल विवाह की सूचना दे सकता है। सहायक निदेशक बाल अधिकारिता दीपेन्द्र सिंह शेखावत एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जाए एवं बच्चों के कानूनी अधिकारों को सुरक्षित किया जावे और माता-पिता एवं अभिभावकों से इस हेतु शपथ पत्र भरवाया जाए।
बाल विवाह की रोकथाम हेतु जन सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हितधारकों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही बच्चों के पक्ष में होने चाहिए तथा बच्चों के हित को सर्वोपरि रखा जाए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार ने बताया कि यदि बाल विवाह पर कार्यवाही करने में थाना स्तर से किसी प्रकार की समस्या आए तो उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया जाए ताकि तुरंत कार्यवाही की जा सके।
बैठक में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग नन्दलाल मेघवाल, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग रश्मि कौशिक, संरक्षण अधिकारी, बाल अधिकारिता विभाग नरेश कुमार, आउटरीच वर्कर बाल अधिकारिता विभाग कपिलदेव, तहसीलदार खमनोर चन्दा कुंवर, तहसीलदार गढ़बोर राजेश शर्मा, तहसीलदार आमेट, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र तोमर, चाइल्ड हेल्पलाइन सुपरवाइजर शब्बीर हुसैन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एस.एस.ओ. ज्योति मीणा, चाईल्ड लाईन से रूकसाना एवं दिव्या मोयल उपस्थित रहे।

