24 न्यूज अपडेट. भीलवाड़ा। मांडलगढ के पूर्व विधायक विवेक धाकड़ बुधवार की मौत की गुत्थी अब उलझती नजर आ रही है। मौत से एक दिन पहले ही वे सीपी जोशी के नामांकन के दौरान उनके साथ भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट में दिखाई दिए थे व खुश थे। ऐसे में आखिर ऐसा क्या हो गया कि रात को उन्होंने हाथ की नसें काट कर मौत को गले लगा लिया। अब इस मामले में यह सामने आ रहा है कि उनके गले पर फंदे का निशान थां, उन्होंने रात को जो खाना लिया था उसकी भी जांच की जा रही हैं । धाकड़ के कमरे का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ब्लेड और पंखे से लगा चुन्नी का फंदा लहराता हुआ नजर आ रहा है। सुसाइड में उन्होंने कहा है कि मैं चाहता हूं कि मेरा शोषण और कष्ट देने वाले मुझे लकड़ी और संवेदना नहीं दें। बताया जा रहा है कि धाकड की मौत हॉस्पिटल ले जाने से बहुत पहले ही हो चुकी थी। लगभग दस घंटे बीत गए थे। आपको बता दें कि विवेक धाकड 2018 के उपचुनाव में मांडलगढ़ से विधायक चुने गए थे ओर उसके बाद पिछले साल हुए चुनाव मे वे इसी सीट से भाजपा के गोपाल शर्मा से चुनाव हार गए थे। पूर्व विधायक ने सुसाइड नोट में पिता, बहन, अपनी बेटी शैफाली और समस्त सहयोगी व समर्थकों से दिल से माफी मांगी है व अंगदान की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं कहता कि मैं पूर्ण पर दूसरों से बेहतर रहकर सेवा करने का भाव का अंश पाले हूं, मेरी स्थिति का कारण वे लोग हैं, जिन्होंने मेरे इस दिल के भाव का उपभोग शोषण की दृष्टि से जानते हुए किया है। उन सभी का धन्यवाद और आभार। मैं उन सभी को कोई सांसारिक- न्यायिक सजा नहीं दिलवाना चाहता हूं। पूर्व विधायक ने अपनी संपत्ति का हकदार भी अपने पिता को ही बताया है। हालांकि आत्महत्या का कारण गृहक्लेश बताया गया था। विवेक धाकड़ के दोस्त बताते हैं कि वे बहुत ही साधारण जीवन जीते थे। छल कपट की राजनीति कभी नहीं की। सैद्धांतिक व व्यावहारिक व्यक्ति थे। वे हर मामले को अपना मामला समझ कर उसमें मदद को जुट जाते थे। विवेक ने यह कदम क्यों उठाया? इसे लेकर सब हैरान है।
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