24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। 8 वर्षों से कराची के पुराने गोलिमार श्मशान घाट में रखी गईं 400 हिंदू मृतकों की अस्थियां सोमवार (3 फरवरी) को वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचीं। ये अस्थियां महाकुंभ योग के दौरान वीजा मिलने के बाद हरिद्वार ले जाई जा रही हैं, जहां इनका गंगा में विसर्जन किया जाएगा। अस्थियों के विसर्जन के लिए 8 वर्षों से प्रतीक्षा हो रही थी। महाकुंभ योग में वीजा मिलाः महाकुंभ योग (13 जनवरी से 26 फरवरी 2025) के दौरान भारत सरकार ने 400 अस्थियों के लिए वीजा जारी किया। धार्मिक आयोजनः कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा के बाद अस्थियां रवाना हुईं। परिजनों ने श्मशान घाट की पर्ची और मृत्यु प्रमाणपत्र के अभाव में भारत में विसर्जन की अनुमति का इंतजार किया।
धार्मिक भावना और प्रशासनिक प्रक्रिया
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर समिति के अध्यक्ष श्रीराम नाथ मिश्रा के प्रयासों से अस्थियां भारत लाई गईं। इससे पहले 2011 और 2016 में भी अस्थियां हरिद्वार लाई गई थीं। इस बार 400 अस्थि कलश सफेद प्लास्टिक जार में लाए गए ताकि यात्रा के दौरान नुकसान न हो। हिंदू धर्म में गंगा नदी को मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। लोगों का कहना है कि यदि वीजा नहीं मिलता तो वह सिंधु नदी में विसर्जन कर सकते थे, लेकिन गंगा में विसर्जन उनकी प्राथमिकता थी। कुछ परिवारों ने बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने और वीजा न मिलने के कारण वे पहले अस्थियां नहीं भेज पाए। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर समिति का कहना है कि महाकुंभ मेले के समापन तक हरिद्वार में 2 सप्ताह तक मृतकों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएं की जाएंगी और अंत में गंगा नदी में विसर्जन किया जाएगा। यह पहल धार्मिक विश्वास के साथ-साथ मानवता और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है।
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