उदयपुर। ये अजीब बात है कि सरकार खुद तंबाकू बिकवाती है, खुद ही चेतावनी देती है कि तंबाकू मत खाइये। खुद ही जनता का पैसा खर्च करके विज्ञापन देती है। अलग-अलग विभागों का लवाजमा लगा कर टोबेको फ्री यूथ जैसे कैंपेन चलवाती है। आंकड़े भयानक हैं। राजस्थान में हर रोज 240 लोग इससे मर रहे हैं तो देशभर में 13 लाख लोग एक साल में इससे मर जाते हैं। फिर भी रेवेन्यू का मोह नहीं छूटता सरकार का। जनता के बीच तंबाकू चुनावी मुद्दा नही हँ बल्कि वो तो तंबाकू खाकर वोट डालने जाती है। उसके बाद जब तंबाकू का सेवन रोकने की बड़ी बड़ी बातें मंचों से होती हैं तो हंसी और रोना दोनों एक साथ आ जाता है कि इस देश का भगवान ही मालिक है। भाई, तंबाकू रोकना है तो पहले बेचना बंद करो। बिकेगी नहीं तो खाएंगे नहीं। लेकिन जो बर्बाद कर रहा है वो उपदेश भी दे रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि टोबैको फ्री यूथ केम्पेन की संभाग स्तरीय कार्यशाला का संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में आयोजन किया गया जिसमें उदयपुर और बांसवाडा संभाग के सभी जिलों के सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। उदयपुर से चिकित्सा विभाग के साथ शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग,नगर निगम, सभी ब्लाक से बीसीएमओ और स्टेक हॉल्डर ने भाग लिया। राज्य स्तर से नरेन्द्र सिंह और एस आर के पी एस एनजीओ के राजन चौधरी ने भाग लिया। कार्यशाला का प्रारंभ उप निदेशक डॉ पंकज गौड़ ने सभी का स्वागत करते हुए किया। राज्य प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह भारत सरकार और राज्य सरकार के इस कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टोबैको फ्री यूथ केम्पेन के माध्यम से जागरूकता द्वारा लोगों को तम्बाकू उत्पादों के सेवन से दूर करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
सीएमएचओ डॉ बामनिया ने बताया कि राजस्थान में प्रतिदिन 240 लोगों की मृत्यु तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के कारण हो रही है। भारत में प्रतिवर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु होती है। हमें सभी विभागों के समन्वय से इसे रोकना है। इसके लिए 60 दिवसीय टोबैको फ्री यूथ केम्पेन के माध्यम से गतिविधियां कर लोगों को जागरूक करना है। कोटपा एक्ट के अंतर्गत उपयुक्त धाराओं के अनुसार चालान की कार्यवाही करनी चाहिए।
सलूंबर सीएमएचओ डॉ बुनकर ने बताया कि शिक्षण संस्थान और चिकित्सा संस्थानों को धूम्रपान निषेध क्षेत्र घोषित कर इनके आसपास के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद की बिक्री को रोकने की कार्यवाही करनी चाहिए। एस आर के पी एस एनजीओ के राजन चौधरी ने बताया कि तम्बाकू मुक्त ग्राम पंचायत बना कर हमें युवा पीढ़ी को इसके दुष्परिणामों से बचाना मुख्य उद्देश्य है। अन्य जिलों से पधारे प्रतिनिधियों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने एक स्वर में इसे कानूनन कठोरता से लागू करने को कहा।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन ने बताया कि 60 दिवसीय टोबैको फ्री यूथ केम्पेन में विद्यालयों में भाषण, पोस्टर, प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक और रैलियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
एनटीपीसी नोडल डॉ प्रणव भावसार ने बताया कि सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया, रेडियो, टीवी आदि के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रतिदिन की गतिविधियों को पोर्टल पर ऑनलाइन किया जा रहा है। पिछले वर्ष राजस्थान पूरे देश में गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता लाने में प्रथम रहा है। इस वर्ष भी प्रथम स्थान पर लाने के लिए गतिविधियां जारी है। संयुक्त निदेशक डॉ प्रकाश चंद्र शर्मा ने शपथ दिलाते हुए कहा कि तम्बाकू मुक्त ग्राम और शहर के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इसमें पुलिस विभाग और नगर निगम का सहयोग अपेक्षित है।
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