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नसबंदी में खेरवाड़ा प्रथम, गिर्व दूसरे स्थान पर

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उदयपुर। विश्व जनसंख्या दिवस पर चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से परिवार कल्याण कार्यक्रम में उत्कृष्ट काम करने वाले कार्मिकों के लिए प्रोत्साहन समारोह का आयोजन किया गया।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ रागिनी अग्रवाल ने बताया कि विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दम्पति की शान थीम पर इस वर्ष परिवार कल्याण के कार्य किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मी नव दंपतियों से संपर्क कर अस्थाई साधनों का उपयोग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 2 बच्चों के उपरांत नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस वर्ष पुरुष नसबंदी के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अभी उदयपुर जिले में राज्य स्तर से निर्धारित लक्ष्य अधिक लक्ष्य प्राप्त किया है। इस वर्ष परिवार नियोजन के लक्ष्य प्राप्त करने में खेरवाड़ा पंचायत प्रथम स्थान पर रही है। बीसीएमओ डॉ अरुण मीणा ने बताया कि खेरवाड़ा पिछली बार भी प्रथम रहा था। द्वितीय स्थान पर गिर्वा पंचायत रही। उप जिला चिकित्सालय भींडर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेमली और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सवीना को परिवार कल्याण सेवाओं में उत्कृष्ट रहने पर प्रशस्ति पत्र और पारितोषिक दिया गया। परिवार कल्याण के सेवा कार्यों के लिए उदयपुर के सभी क्षेत्रों के चिकित्सा कर्मियों को सम्मानित किया गया।
अध्यक्षता संयुक्त निदेशक डॉ जेड ए काजी ने की। मुख्य अतिथि विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप शर्मा रहे। संयुक्त निदेशक डॉ पी सी शर्मा, उप निदेशक डॉ पंकज गौड़, सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया, एडिशनल सीएमएचओ डॉ रागिनी अग्रवाल, डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन, आरसीएचओ डॉ गजानंद गुप्ता व जिला स्तर के अधिकारी, एएनएम व आशा सहयोगिनी उपस्थित रहे। संयुक्त निदेशक डॉ काजी ने परिवार कल्याण के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने के निर्देश दिए। उसके लिए आवश्यकता होने पर दूसरे विभागों और निजी अस्पताल से सहायता लेने के लिए कहा। परिवार कल्याण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जिले के चिकित्सा संस्थानों, ग्राम पंचायतों, चिकित्सकों, एएनएम व आशा सहयोगीनीयो को सम्मानित किया। साथ ही निजी क्षेत्रों के चिकित्सा संस्थानों व एनजीओ को भी परिवार कल्याण में उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्री शर्मा ने बढ़ती जनसंख्या के कारण घटते प्रकृति संसाधनों की चर्चा की और बाल -विवाह एवं बालश्रम जैसी कुरीतियों के बढऩे के बारे में बताया। संयुक्त निदेशक डॉ पी सी शर्मा ने बताया कि जिले को दिए गए परिवार कल्याण के लक्ष्यों को ए एन एम व आशाओं द्वारा समय पर पूरा किया जाए जिससे उदयपुर जिला समय रहते अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। उप निदेशक डॉ पंकज गौड़ ने बताया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने पर भी हमारे स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।
सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि हमारा देश विश्व में जनसंख्या के हिसाब से प्रथम स्थान पर है। जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक हो गया है। सीमित संसाधनों के कारण देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। हम यदि अपने जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित लक्ष्य को समय पर पूरा नहीं करेंगे तो हमारी आने वाली पीढिय़ां इसके दुष्परिणामों से प्रभावित होंगी। डॉ नाजीमा ने परिवार नियोजन के साधनों को विस्तृत रूप से समझाया। अंतरा इंजेक्शन और इंट्रा डर्मल के बारे में जानकारी दी। मंच संचालन डॉ विकास बामनिया और डॉ सना वकार ने किया।

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