24 न्यूज अपडेट, नई दिल्ली ब्यूरो। संविधान बदलने पर कई भाजपा नेताओं के बयानों से उपजे विवाद के बाद भाजपा लगातार डेमेज कंट्रोल में जुटी हुई हैं। हिन्दुत्व के तेज धार व पॉलराइज करने वाले भाषणों व नारों के बावजूद आंच धीमी नहीं हो रही है व पार्टी को राजनीतिक रूप से झुलसाती सी महसूस हो रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने पिछले एक सप्ताह से अपने हर भाषण में संविधान को नहीं बदलने व आरक्षण को कभी समाप्त नहीं होने की गांरटी देते हुए आश्वस्त किया है। विपक्ष बार-बार इसी मुद्दे पर जोर देकर भाजपा को चोट पहुंचा रहा है। भाजपा नेताओं के बयानों को आगे कर कह रहा है कि वे खुद कह रहे हैं कि भाजपा 400 सीटें संविधान बदलने व आरक्षण को खत्म करने के लिए लाना चाह रही है। इस नेरेटिव के बीचयह मसला भाजपा के अबकी बार 400 पार के मिशन की रास्ते का रोडा बन गया है। इस माहौल में आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की एंट्री हुई व उन्होंने आरक्षण का समर्थन किया। भागवत ने कहा कि जब से आरक्षण अस्तित्व में आया है, तब से संघ ने संविधान के अनुसार आरक्षण का पूर्ण समर्थन किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को हैदराबाद में कहा कि संगठन ने हमेशा संविधान के अनुसार आरक्षण का समर्थन किया है. भागवत का बयान ऐसे समय आया है जब विपक्ष आरक्षण को लेकर भाजपा और आरएसएस को निशाना बना रहा है। विपक्ष कह रहा है कि भाजपा और आरएसएस आरक्षण के खिलाफ हैं। तेलंगाना में एक शैक्षणिक संस्थान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रचलन में एक वीडियो है जिसमें यह गलत दावा करता है कि आरएसएस आरक्षण का विरोध करता है। जब से आरक्षण अस्तित्व में आया है, तब से संघ ने संविधान के अनुसार आरक्षण का पूर्ण समर्थन किया है। भागवत का यह बयान आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे वाकयुद्ध के मद्देनजर आया है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि आरएसएस-भाजपा आरक्षण के विरोधी हैं। हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले साल नागपुर में कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। भेदभाव अदृश्य होते हुए भी समाज में मौजूद है।
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