24 न्यूज अपडेट. नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया गया है। वह 18 फरवरी को राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद पदभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।इसके अलावा, विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वह हरियाणा के मुख्य सचिव रह चुके हैं और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे। राहुल गांधी ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया और बाद में डिसेंट नोट जारी कर कहा कि यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
करियर : 1988 बैच के IAS, केरल कैडर केरल SC-ST डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। चुनाव आयुक्त बनने से पहले गृह मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी रहे। संसदीय कार्य मंत्रालय में सेक्रेटरी रहे। UPA सरकार के दौरान रक्षा मंत्रालय में तैनात रहे।
| विषय | विवरण |
|---|---|
| नए CEC का नाम | ज्ञानेश कुमार |
| पदभार ग्रहण करने की तारीख | 18 फरवरी 2025 |
| कार्यकाल की समाप्ति | 26 जनवरी 2029 |
| वर्तमान CEC | राजीव कुमार (रिटायर हो रहे हैं) |
| नए चुनाव आयुक्त | विवेक जोशी |
| मौजूदा चुनाव आयुक्त | सुखबीर सिंह संधू |
| चयन समिति के सदस्य | पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता राहुल गांधी |
| राहुल गांधी का रुख | चयन प्रक्रिया का विरोध, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की मांग |
| विवाद का कारण | CJI को चयन पैनल से हटाना, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित |
| सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख | 19 फरवरी 2025 |
| नया कानून (2023) | CJI को हटाकर प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री को चयन पैनल में शामिल किया गया |
| विपक्ष की प्रतिक्रिया | सरकार चुनाव आयोग की स्वतंत्रता कमजोर कर रही है |
| चुनाव आयोग की संरचना | मुख्य चुनाव आयुक्त + 2 चुनाव आयुक्त |
| पहली बार चुनाव आयोग में बहु-सदस्यीय प्रणाली | 1989 (राजीव गांधी सरकार) |
| 1990 में बदलाव | वीपी सिंह सरकार ने फिर से इसे एक सदस्यीय बनाया |
| 1993 में अंतिम बदलाव | पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने दो और चुनाव आयुक्त जोड़े, जो अब तक लागू है |
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हैं कि यह नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित करेगा या नहीं।
