आज बैसाखी का दिन है। वो दिन जब जलियांवाला बाग में निहत्थे देशभक्तों को अंग्रेजों ने गोलियों से भून दिया था। इस नरसंहार की चर्चे आजादी के बाद भी बरसों बरस से लोगों को देश के लिए कभी न झुकने व मर मिटने का जज्बा देकर जोश से भर देते हैं। आज उदयपुर में भी पुष्पांजलि सभा में अमर शहीदों को याद किया गया। प्रदेश प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि पुष्पांजलि सभा में उदयपुर लोकसभा सांसद प्रत्याशी ताराचंद मीणा ने कांग्रेसजन के साथ पुष्प अर्पित कर नमन कर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जलियांवाला बाग भारत की आजादी के इतिहास की वह घटना है इसके बारे में सोचने पर भी रूह कांप जाती है।13 अप्रैल 1919 को यह दुखद घटना घटी थी जब पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित जलियांवाला बाग में निहत्थे मासूमों का कत्लेआम हुआ था। उन्होंने बताया इस नरसंहार की शुरुआत रॉलेक्ट एक्ट के साथ हुई जो 1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को कुचलना के उद्देश्य से तैयार किया गया था जिसका जलियांवाला बाग में रोलेट एक्ट के खिलाफ शांति से विरोध किया जा रहा था तभी जनरल रेजीनाल्ड डायर के नेतृत्व में सैनिकों ने जलियांवाला बाग में प्रवेश कर और एकमात्र निकासी द्वार बंद कर दिया और इसके बाद डायर ने सैनिकों को वहां मौजूद निहत्ते लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने का आदेश दे दिया। पुष्पांजलि सभा में सभी कांग्रेसजन ने 2 मिनट का मौन रखकर अमर शहीदों के नारों से स्मारक को गुंजायमान कर दिया।शर्मा ने बताया इस नरसंहार की घटना को पूरे 104 साल बीत चुके है हमारी पीढ़ियां अपने अमर सेनानियों का देश के लिए बलिदान कभी नहीं भूलेगी हम सभी को अमर शहीदों से राष्ट्र प्रेम की प्रेरणा लेकर देश हित में कार्य करते रहना चाहिए। इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष अजय सिंह मंडल अध्यक्ष सत्यनारायण टॉक,अनुसूचित प्रकोष्ठ के महामंत्री प्रेम गावरी,अशोक तंबोली, जादूगर एम. लाल लक्षकार,बतूल हबीब,गोविन्द सक्सेना,उमेश शर्मा,कौशल आमेटा,भगवती प्रजापत,अरविंद शर्मा,कन्हैयालाल मेनारिया,भगवान सोनी,सुभाष चित्तौड़ा,नरेश साहू,नितेश सर्राफ,हिमांशु चौबीसा, राजवीर मेघवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थें।
जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को किया नमन

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