24 न्यूज अपडेट. प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ शहर में मंगलवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब निलंबित महिला हेड कांस्टेबल जयंता बानो पर उनके ही पति के रिश्तेदार ने जानलेवा हमला कर दिया। हमलावर ने किराए के मकान की खिड़की से पिस्टल से फायरिंग की, लेकिन सौभाग्य से जयंता ने खुद को झुकाकर गोली से बचा लिया। अब पुलिस जांच में यह सामने आया है कि हमले की जड़ में पारिवारिक संपत्ति का विवाद था। हमलावर को शक था कि जयंता पारिवारिक संपत्ति में दखल दे सकती हैं, जिसके चलते उसने उन्हें मारने की साजिश रची।
जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह और उप अधीक्षक गजेंद्र सिंह राव के मार्गदर्शन में थानाधिकारी दीपक बंजारा ने अपनी टीम के साथ महज 24 घंटे में आरोपी को डिटेन कर लिया और वारदात में इस्तेमाल पिस्टल भी बरामद कर ली। हमलावर का आपराधिक इतिहास भी पुलिस जांच में सामने आया है। यह कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि एक अपराधी परिवार का हिस्सा है।
तीन पीढ़ियों से अपराध की दुनिया में सक्रिय परिवार
दादा कयूम लाला (1977-2019) पर हत्या, लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के 22 मामले दर्ज थे।
पिता आजम खान (2002-2018) पर भी हत्या, लूट और नशा तस्करी के 15 मामले थे।
जैद खान (महिला कांस्टेबल का पति) 14 साल की उम्र में ही पहला मर्डर कर चुका था, और अपनी सौतेली मां की हत्या भी कर चुका है।
अब जैद के रिश्तेदार ने जयंता पर हमला कर दिया। महिला हेड कांस्टेबल जयंता बानो राजस्थान पुलिस में तैनात थीं, लेकिन पति जैद खान के आपराधिक रिकॉर्ड के चलते निलंबित कर दी गईं। जयंता ने ड्यूटी छोड़कर मध्यप्रदेश की जेल में बंद अपने पति जैद से मिलने के लिए मंदसौर का दौरा किया था, जो पुलिस नियमों के खिलाफ था। इस पर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की। निकाह के बाद पारिवारिक विवाद गहराता गया, क्योंकि जैद के परिवार को यह शादी स्वीकार नहीं थी। संपत्ति विवाद भी इस हमले की एक बड़ी वजह बना। पुलिस अब हमलावर के पूरे आपराधिक नेटवर्क की गहन जांच कर रही है, ताकि इस संगठित अपराध को जड़ से खत्म किया जा सके।
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