24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। इसके कहते हैं नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, अपनी गलतियों की बला टालने के लिए दूसरों पर नियमों का बोझ लाद देना। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से आज ट्विटर पर यह जानकारी दी गई कि अब से जो बच्चे फार्म भरने के बाद दो लगातार प्रतियोगी परीक्षा में अनुपस्थित रहेंगे उनको अगले एग्जाम में 750 रूपए की फीस भरनी होगी। लोगों ने इसका उनके ही ट्विटर पर जमकर मजाक बनाया है व जमकर आड़े हाथों लिया है। अध्यक्ष आलोक राज ने आज एक्स हैंडल पर लिखा-बोर्ड मीटिंग में आज एक बड़ा निर्णय लिया गया। अब जो आवेदक बोर्ड की कोई भी दो परीक्षाओं के आवेदन कर परीक्षा में नहीं बैठता है तो उसे अगला कोई भी फॉर्म भरने के लिए 750 रुपये की पेनल्टी जमा करनी होगी और अगर दोबारा ये ही दोहराता है, यानी चार परीक्षाओं में नहीं बैठता है तो दूसरी बार 1500 रुपये की फीस देनी होगी। यह प्रावधान 01 अप्रैल, 2025 से होने वाली सभी परीक्षाओं पर लागू होगा। इसीलिए अब आप तभी फॉर्म भरो जब आपको परीक्षा देने का पूरा मन और प्लान हो। आपको बता दें कि बोर्ड के सामने परेशानी यह आ रही है कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन व फीस लेने के बाद अब हालत यह हो गई है कि विद्यार्थी परीक्षा का फार्म तो भर रहे हैं लेकिन परीक्षा देने नहीं आ रहे हैं। अधिकतर परीक्षाओं में उपस्थित केवल 20 से 40 प्रतिशत तक ही रह गई है। इससे पैसा व मैन पावर का नुकसान हो रहा है। इससे पहले तो जब फीस देकर परीक्षार्थी नहीं आते थे तब आयोग को कोई प्रोब्लम नहीं थी।
आलोक राज के इस निर्णय की व्यापक आलोचना हो रही है। रमेशचौधरी ने लिखा कि अगर एक परीक्षा का 6 महीने बाद भी रिजल्ट न आए तो किसी पर पेनल्टी क्यों नहीं? विद्यार्थी मजबूर है आप का बोर्ड 500 किलोमीटर दूर सेंटर देकर बोलता है 8 बजे एग्जाम दो,एक एग्जाम के पीछे 2000-3000 हजार खर्च होते है इसलिए सोच समझ कर एग्जाम देना पड़ता है त्च्ैब् की तरह होम डिस्ट्रिक्ट दो,हम आजाएंगे। पी देवराज ने लिखा कि लेकिन इसके साथ ही बोर्ड की कार्यशैली को भी सही करने का कष्ट भी उठाइए। क्योंकि 2-2 सालों में आपसे रिजल्ट जारी नहीं हो रहा है, गलत आंसर की जारी करते है। ,फर्जीवाड़ा करते हैं इसे रोकने के भी कदम उठाओ तब कुछ फायदा अन्यथा …। प्रदीप गोधारा ने लिखा कि यह बेहूदा निर्णय है। इससे तो फार्म की फीस रखना ही ठीक था। नवीन वर्मा ने लिखा कि फीस पर फीस बढ़ा रहे हो, एग्जाम सेंटर डिस्ट्रिक्ट्स चॉइस का ऑप्शन भी तो दो सर, सर जी एग्जाम सेंटर के लिए जिलों की प्रेफरेंस ली जाए,,में कई बार सेन्टर दूर आने के कारण एग्जाम देने नहीं गया। एग्जाम अटेंडेंस पर्सेंट बढ़ाने के लिए आपको सेंटर डिस्ट्रिक्ट चॉइस का ऑप्शन देना चाहिए। जस्टिस फॉर ईडब्ल्यूएस ने लिखा कि ओर जो बोर्ड हज़ार भांत की गलतियां करता है उसकी सजा किसको मिलनी चाहिए। मेरे हिसाब से करोड़ो की पेनल्टी लगनी चाहिए और जो मानसिक तनाव होता है उसके लिए दोषी को हज़ार कोड़े पड़ने चाहिये। प्रशांत कुमार ने कहा कि पेनल्टी तो आपके बोर्ड पर भी होनी चाहिए अगर आप परीक्षा प्रकिया के रिजल्ट में देरी हो तो ये भी तो जवाबदेही है ना बोर्ड की श्रीमान आप निचली कक्षा के छात्रों पर तो पेनाल्टी लगा रहे हैं लेकिन इसका भी जवाब दो। राकेश स्वामी ने लिखा- काफी दिनों से चुन्नी काट रही थी आपके,,अब शायद आपको शांति मिल गई है,रिवॉर्ड भी मिल जाए सरकार से,,थोड़ा रिफंड ऑब्जेशन वाले प्रश्न के सही होने पर रख दो की अगर ऑब्जेक्शन सही निकला तो दुगना देंगे ओर फर्जी एक्सपर्ट से वसूलेंगे,,लेकिन नहीं आपको तो बेरोजगारों के खून चूसना है,।
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