शेडनट, चना मिनिकिट और मेड़ पर फलदार पौधारोपण सहित अन्य कार्यों को सराहा

24 न्यूज़ अपडेट राजसमंद। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बृजमोहन बैरवा ने उद्यान विभाग द्वारा आयोजित कृषि एवं उद्यानिकी गतिविधियों का अवलोकन किया।
इस दौरान उन्होंने डुमखेड़ा स्थित कृषक जगदीश गुर्जर के खेत पर अटल भूजल योजना के तहत चना मिनिकिट प्रदर्शन तथा खेत की मेड़ पर फलदार पौधा रोपण कार्यक्रम का अवलोकन किया।
इसके साथ ही कृषक श्रवण कुमार जाट के जोधपुरा स्थित खेत पर निर्माणाधीन शेडनेट हाउस का निरीक्षण भी किया गया। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे खेत तलाई निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करें।
जिला कलक्टर ने किसानों से अपील कर कहा कि वे कृषि और उद्यान विभाग की योजनाओं का पूरा लाभ अवश्य उठाएं, ताकि उत्पाद में वृद्धि हो सके। उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया और बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से वे बेहतर कृषि तकनीकों, उन्नत बीज, खाद, और सिंचाई सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनकी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।
उन्होंने किसानों को जैविक खेती, कृषि यंत्रीकरण और उन्नत उद्यानिकी कार्यों को अपनाने की सलाह दी है ताकि किसान अपनी आय को बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। कलक्टर ने किसानों से आग्रह किया कि वे विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सभी सुविधाओं का सदुपयोग करें और अपने जीवनस्तर को ऊंचा उठाएं।
उप निदेशक उद्यान हरिओम सिंह राणा ने बताया कि शेडनट कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपकरण है, जो विशेष रूप से फसल की सुरक्षा और वृद्धि के लिए उपयोगी होता है। यह कृषि में पौधों को अत्यधिक सूर्य की किरणों, तेज हवा और अधिक वर्षा से बचाता है, जिससे पौधों की जीवन शक्ति और उत्पादकता में सुधार होता है।
शेडनट का उपयोग विशेष रूप से संवेदनशील फसलों के लिए किया जाता है, क्योंकि यह तापमान को नियंत्रित करता है और पौधों को जलन से बचाता है। इसके अलावा, यह फसलों को कीटों और पक्षियों से भी सुरक्षित रखता है, जिससे कीटनाशकों का उपयोग कम होता है और जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है। शेडनट का उपयोग करने से फसलों का गुणवत्ता में सुधार होता है और उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे किसानों को बेहतर आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
इस कार्यक्रम में संतोष कुमार दुरिया संयुक्त निदेशक कृषि (वि), हरिओम सिंह राणा उप निदेशक उद्यान, गणपत लौहार, नन्द लाल रेगर, कृषि अधिकारी, प्रकाश चन्द पारीक, सहायक कृषि अधिकारी उद्यान और मनोहर शंकर आचार्य, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक उद्यान उपस्थित रहे।
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