24 न्यूज अपडेट उदयपुर। जिला पुलिस अधीक्षक उदयपुर योगेश गोयल के निर्देशानुसार चालाये जा रहे ऑपरेशन एन्टीवायरस अभियान के तहत उमेश ओझा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उदयपुर, कैलाश बोरीवाल, वृताधिकारी वृत नगर पश्चिम के नेतृत्व मे डॉ. हनवन्त सिंह राजपुरोहित, थानाधिकारी थाना अम्बामाता की टीम द्वारा उच्चाधिकारियो के निर्देशानुसार सर्कल गश्त एवं चैंकिग बदमाशान करते हुए रानी रोड पर पहुंचा जहां मुखबीर सूचना मिली कि एक सफेद रंग की बलेनो मारूति कार में तीन लडके बैठे हुए है जो हवाला अथवा बडी की तरफ जा रहे है। जिनके पास में 10-12 मोबाईल है, जो भोले-भाले लोगो को झांसे में लेकर ऑन लाईन ठगी का काम करते है। तुरन्त मौके पर पहुंचे तो पकड में आ सकते है। उक्त सूचना विश्वसनीय होने पर रानी रोड से शिल्पग्राम की ओर जाने वाली सडक पर जैन फार्मा के पास एक बलेनों कार को रूकने का ईशारा किया तो चालक बावर्दी पुलिस जाप्ता को देखकर उक्त कार को तेज गति से भगानें लगा जिस पर उक्त वाहन का पीछा कर रूकवाया तथा पुलिस जाब्तें को देखकर भागनें का कारण पूछा तो अन्दर बैठे व्यक्ति नजरें चुरानें लगें तथा गर्दन झुकाकर गुमसुम हो गये। जिन्हें वाहन में अथवा उनके कब्जे किसी आपराधिक गतिविधि से संबंद्ध किसी वस्तु होने के संबंध में पूछा गया तो सभी हाथ जोडकर हडबडाते हुए जवाब देने लगे जिन्हें कार से बाहर लाकर नाम पता पूछा तो अपना नाम सोनु मेहता पुत्र मांगीलाल मेहता उम्र 30 वर्ष जाति ब्राहम्ण निवासी मावली डांगियान पुलिस थाना खैरोदा हाल के ब्लॉक नारायणलाल जैन के मकान में आर डी ट्रेडिंग के उपर सबसिटी सेन्टर पुलिस थाना हिरण मगरी उदयपुर , शिवम पानेरी पुत्र कमल मेनारिया उम्र 30 वर्ष निवासी, सुजुकी शॉरूम के पास, हिरण मगरी मेन रोड सेक्टर 05, पानेरियों की मादडी पुलिस थाना हिरण मगरी, जतिन मेनारिया पुत्र सुरेश मेनारिया निवासी मेन रोड हिरण मगरी सेक्टर 05, पानेरियों की मादडी पुलिस थाना हिरण मगरी होना बताया,। सख्ती से पूछा गया तो शिवम मेनारियां एवं सोनू मेहता ने कहा कि हम टटलुबाजी का काम करते हैं जिन्हें बाद पूछताछ हर तीनों को गिरप्तार किया जाकर अनुसंधान जारी है।
संदिग्ध सोनू मेहता, शिवम मेनारिया, जतिन मेनारिया एवं बलेनो कार की तलाशी गई तो कुल 480500 लाख रूपये नगद, 10 एन्ड्रोयड मोबाईल, 04 खाली सिम, 21 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 03 चेक बुक, 03 पासबुक मिली है एवं कार में 02 स्टांप सील मिली जिनका प्रयोग फर्जी फर्म के नाम से अकाउण्ट ओपन करनें में किया गया था। कार की तलाशी पर ड्राईवर सीट के सामनें डेस्क में रखी एक थेली में 480500/- रूपयें मिले। उक्त राशि ऑनलाईन ऐठी गई जो कई लोगों के हेण्डल किये जाने वाले खातों में ट्रांसफर करवाई गई थी।
तरीका वारदातः-
संदिग्धों के पास मिले मोबाईलो का निरीक्षण किया तो मोबाईल में एक से अधिक ऐसे एप इन्सटॉल किये गये है जो ऑनलाईन गेमिंग एवं ऑनलाईन ऐप के लिंक भेजकर भोले-भाले लोगो को धोखा देकर रूपयें ऐठे जाने हेतु प्रयुक्त किये गये है। उक्त एप तथा एप में लिंक्ड मोबाईल नंबर किसके है, के बारें में सोनू मेहता एवं शिवम मेनारिया ने बताया कि हम भोले-भाले लोगो को फंसाकर उनके बैंकों में खाते खोलकर उनके नाम की सिम को उन खातो से लिंक्ड कराते हैं। उन लोगो के खाते में ऑनलाईन गेमिंग एवं ऑनलाईन धोखा देने के प्रयोजन से बनाये गये एप में धोखे से प्राप्त रूपयें को ट्रांसफर करते है धोखे से प्राप्त खातों के संचालन के लिए उन लोगो के नाम से धोखे से सिम खरीद कर उन सिम को हम प्राप्त करते है तथा हमारें पास इन मोबाईलों में जिन एप में मोबाईल नंबर अंकित है वे मोबाईल नंबर उन लोगों के हैं जिनके खाते हम छलपूर्वक खुलवाते है। संदिग्धों के मोबाईल में संधारित वॉटअप एवं फेसबुक पर अनेक नम्बरो पर क्यूआर कोड भेजने एवं फोन पे यूपीआई ट्रान्जेक्शन के स्क्रीन शाट भेजे हुये है तथा अनेक नम्बरो पर वाटसएप वाईस काल इन/आउट हो रखी है। वाट्सएप पर आधार कार्ड एवं पेन कार्ड रिसिव्ड एवं सेण्ड कर रखे है । इसके अलावा संदिग्धों के मोबाईलों में संधारित एप कई राशि को प्राप्त करनें एवं भेजने संबधी चेट की गई कई व्यक्तियों के आधार कार्ड एवं पेन कार्ड तथा खातों के फोटां मोबाईल नम्बरो पर क्यूआर कोड एवं यूपीआई ट्रान्जेक्सन के स्क्रीन शॉट प्राप्त एवं भेजे हुए है। सोनू मेहता ने बताया कि हम लोगो के करण्ट अकाउण्ट खुलवानें के लिए पहले आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं मोबाईल नंबर से लिंक कराकर उद्यम आधार को बनाते है फिर उद्यम आधार से संस्था / फर्म के नाम का आधार बनाया जाता है। फर्म के नाम का आधार बनाकर एक सील बनवाते है। फिर उस व्यक्ति के नाम का बैंक में करण्ट खाता खुलवाकर उस खातें में ऑनलाईन गेंमिंग एवं ऑनलाईन ऐप में धोखे से रूपयें ट्रांसफर करवाते हैं। लोगो के खातों के एटीएम, लिंक मोबाईल नंबर हमारें पास रखते है तथा खातों की डिटेल हम आगे भेजते है, जो उन खातों में रूपये प्राप्त कर हमें 0.20 से 0.70 प्रतिशत के बीच में कमीशन देते है। हमारें कई खाते विभिन्न राज्यों की पुलिस द्वारा पहले से फीज किये गये हैं। हम लोगों के नाम की फर्जी फर्म खोलकर उनके करण्ट अकाउण्ट खोलकर उनके खातों को फोन पे, पेटीएम एवं गूगलपे से कनेक्ट कर लेता हूँ। जिस व्यक्ति के पास खाते को खोलने के रूपये नहीं होते है उनके रूपयें हम देते हैं। जिस व्यक्ति का खाता हम खोलते हैं उसके खाते का ऑनलाईन नेट बेकिंग और पासवर्ड आगे भेजते है। आगे वाले लोग नेट बेंकिग में लोगिन पर प्राप्त होने वाले ओटीपी भी उनके पास जाते है जब हमारें द्वारा दिये गये खातें में 2 लाख रूपयें से ज्यादा इकठ्ठे हो जाते है तो वह नेट बैंकिग से रूपयें निकाल लेता है और हमारें द्वारा दिये खातों में हमारें कमीशन की राशि डालता है जिसमें हम आपस में बांट लेते है।
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