24 न्यूज अपडेट उदयपुर। एक मचान पर दो साथी, चार निगाहें 24 घंटे चौकस, पूर्णिमा की रात, वाटरहॉल पर हर हलचल पर नजर। वाटरहॉल पर पानी पीने आया कौतूहल जगाता वन्यजीव। खामोशियों में गुनगुनाते जंगल की आवाजें। तत्काल दर्ज करने वाली तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता जरूरी। आने वाला वन्यजीवन किस केटेगरी का है, शाकाहारी, मांसाहारी या दोनों। नर है या मादा, बच्चा है या वयस्क। उसकी फैमिली का कोई दूसरा तो नहीं। उसके चलने के तरीकों से पहचानों, उसके आने और जाने के हाव भाव से पहचानों कि कौन है। यह सब आज सिखाया गया वन विभाग की ओर से चेतक सर्कल स्थित वन विभाग कार्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान। प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश में वन्यजीव गणना के लिए हुआ। यह गणना 23 मई 24 मई तक होने जा रही है। वन विभाग ने इसका कार्यक्रम जारी कर दिया है और इसको लेकर संबंधित जिलों में अब वन्यजीव गणना कराने को लेकर योजना बनाना शुरू कर दिया गया है। इस बार की गणना वाटर होल पद्धति से होगी। प्रशिक्षण में पर्यावरणविद सतीश शर्मा ने वन्य कर्मियों को वन्य जीवों के बारे में बारीकी से बताया गया। साथ ही यह भी समझाया गया कि किन पॉइंट्स पर ट्रेप कैमरे लगाए जाएं जिससे वन्य जीव उसमे कैप्चर हो सके। तीन श्रेणियों में वन्यजीव गणना की जाएगी। गणना में मांसाहारी, शाकाहारी और रेप्टाइल्स तीन श्रेणियां में गणना की जाएगी। वन्यजीवों में मुख्यतः बाघ, बघेरा, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, लोमड़ी, मरू लोमड़ी, भेड़िया, भालू, चिंकारा, सांभर, चौसिंघा, सियागोश, जंगली सुअर, सेही, उड़न गिलहरी प्रमुख रूप से शामिल है। गाइडलाइन में कहा कि ऐसे वॉटर हॉल्स जहां पर अधिक संख्या में विभिन्न प्रजाति के वन्यजीव आने की संभावना हो वहां पर कैमरा ट्रेप लगाए जाए। सभी वन मंडलों को वन्यजीव गणना के आंकड़े अपने मंडल के जरिए सीधे जयपुर मुख्यालय को 4 जून तक भेजने होंगे। इस अवसर पर उप वन संरक्षक देवेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि आगामी 23 को होने वाली वन्य जीव गणना को लेकर आज विभाग के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया इस दौरान वन्य जीवों की प्रकति के बारे में उन्हें समझाया गया साथ ही वाटर होल पर अधिक से अधिक ट्रेप कैमरे लगाने के बात कही गई।
डॉ सतीश शर्मा ने बताया कि वाटरहॉल के पास मचान लगेगी जिसमें दो जनो के बैठने का इंतजाम होगा। वन्यजीव गणना के प्रशिक्षण के लिए इस सभी डिविजनों के अफसर आए। हमने चर्चा में आईडेंटिफिकेशन के टूल्स हैं, तकनीकी पहलूओं आदि पर चर्चा की। 23 मई को सुबह आठ से 24 को सुबह आठ बजे तक पूर्णमासी के दिन गणना होने जा रही है। इसके सभी प्रोटोकॉल डिस्कस किए। इसके कंपाइल किए नतीजे 4 जून तक डिवजिन को देने की बात है। उसके बाद स्टेट लेवल पर कंपाइलेशन होगा।
एक मचान, चार आंखें, ट्रेप कैमरा, पूर्णमासी का चांद, वाटरहॉल पर 24 घंटे निगाहें……..

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