24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। हाथी वाला पार्क पार्किंग निर्माण में आया नया मोड़। उदयपुर नगर निगम को अंदेशा है कि भूमिगत पार्किंग की छत पर पार्क विकसित होने के बाद कहीं छत ढह नहीं जाए जो कि सीलन से भरी हुई है। भूमिगत पार्किंग की दीवारों व कॉलम में सीलन आ रही है व जगह जगह जमीन से पड़वे फूट रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम ने पार्किंग की छत पर पार्क बनाने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट में चल रहे प्रकरण में पार्क को पार्किंग की जगह पर रीस्टोर करने की मांग की गई थी। लेकिन नगर निगम की ओर से एक आश्चर्यजनक निर्णय लिया गया और घटिया निर्माण से बनी पार्किंग की छत पर पार्क बनाने का काम शुरू कर दिया। इसी क्रम में छत के उपर डामरीकृत शीटें बिछा दी गई तथा उसके उपर फिर से सीमेंट-कंक्रीट की गई है। इसके बाद अगले चरण में इसके उपर डेढ़ से दो फीट मिट्टी भरी जानी है जिसकी वजह से छत पर भारी वजन आएगा। वजन के कारण कहीं छत अचानक न ढह जाए, इसके लिए नगर निगम ने एमबीएम जोधपुर की टीम को बुलाकर आज रविवार के दिन डिफ्लेक्शन टेस्ट शुरू किया है। जिसकी वीडियोग्राफी भी की जा रही है। बीम पर प्रिज्म लगाए गए हैं और टोटल स्टेशन मशीन से उस पर लगातार नजर रख कर सिविल इंजीनियरिंग विधि से गणना की जा रही है। आश्चर्य की बात है कि आज नगर निगम का कोई भी इंजीनियर मौके पर मौजूद नहीं था। एक पत्रकार के फोन करने पर भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। डिफ्लेक्शन टेस्ट सिर्फ एक ही जगह पर किया जा रहा है जबकि यह प्रक्रिया छत पर तीन से चार जगह पर अपनाई जानी चाहिए थी। इस टेस्ट का जो भी परिणाम आएगा, उसी के आधार पर छत पर पार्क बन सकेगा या नहीं, इसका फैसला होगा। हाईकोर्ट में नगर निगम ने शपथ पत्र दिया है कि 15 जनवरी तक हम पार्क को पूरी तरह से बना देंगे जबकि अब तक मौके पर यह भी तय नहीं हुआ है कि पार्किंग की छत इस लायक भी है के नहीं। बड़ा सवाल ये उठता है कि इस डिफ्लेक्शन टेस्ट को पूर्व में अनुमानित लोड डाल कर क्यों नहीं किया गया। उससे ही पता चल जाता कि पार्क निर्माण संभव है के नहीं। इस टेस्ट के रिजल्ट केवल नगर निगम ही जान पाएगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि रिजल्ट पॉजिटिव ही आएगा लेकिन यदि निगेटिव आया तो फिर बड़े सवाल उठ खड़े होंगे।
एक्सक्लूसिव न्यूज : हाथी वाला पार्क पार्किंग की छत का डिफ्लेक्शन टेस्ट, मौके पर निगम का कोई इंजीनियर नहीं रहा मौजूद

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