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उन्नति-पथ पर अग्रसर होकर विज्ञान समिति सफलता के नये पदचिह्न बना रही है – श्रीमान चुन्नीलाल गरासिया – सांसद राज्य सभाविज्ञान व आध्यात्म का गठजोड़ आर्थिक व वैचारिक समृद्धि प्रदान करेगा – श्रीमान मन्ना लाल रावत सांसद उदयपुर शहर

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24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर. 30 अगस्त 2024 विज्ञान समिति उदयपुर ने आज अपने मैडम क्यूरी सभागार मे 66वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जिसके मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद श्री चुन्नीलाल गरासिया, अति विशिष्ट अतिथि उदयपुर शहर सांसद श्री मन्ना लाल रावत, विशिष्ट अतिथि इ. बी.एच. बाफना थे । समारोह की अध्यक्षता श्री माणिक नाहर ने की। विज्ञान समिति के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम मे माता सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के पश्चात संस्थान गीत व मंचासीन अतिथियों का बहुमान किया गया । अध्यक्ष डा. के. पी तलेसरा ने स्वागत उद्बोधन दिया व कुल प्रमुख डा. कुंदन लाल कोठारी ने विज्ञान समिति के 65 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन करते हुए बताया कि समिति के समर्पित सदस्यों की बदौलत वे चुनौतियों पर विजय पा सके।
निरंतर अपने उद्देश्यों के पथ पर अग्रसर होने वाले सफलता व उपलब्धियों के पदचिह्न बनाते चलते है इस बात का जीवंत उदाहरण विज्ञान समिति उदयपुर है । ये बात राज्यसभा सांसद माननीय चुन्नीलाल जी गरासिया ने विज्ञान समिति के 66वे स्थापना समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने आगामी दो वर्षों के लिये मनोनीत कार्यकारिणी को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उनके साथ एक सक्रिय सहयोगी के रुप मे कार्य करने की अपनी इच्छा जाहिर की।
अपने उद्बोधन मे श्रीमान मन्ना लाल रावत सांसद उदयपुर शहर ने कहा कि विज्ञान व आध्यात्म का गठजोड़ आर्थिक व वैचारिक समृद्धि प्रदान करेगा अत: विज्ञान समिति को अपने अनुभवों के आधार पर परिचर्चा कर “विकसित मेवाड़ 2030 कंसेप्ट नोट” बना सरकार को प्रेषित करना चाहिये।
विशिष्ट अतिथि बी एच बापना ने वर्षा जल संग्रहण के लक्ष्य के तहत अगले वर्ष 200 नये नलकूपों को रिचार्ज योग्‍य बनाने का संकल्प लिया ।
नामोद्दिष्ट अध्यक्ष प्रोफेसर महीप भटनागर ने अपने प्रस्तावित कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि संगोष्ठी आयोजन, विद्यार्थियों मे आशु भाषण व विज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन, दूर सुदूर सरकारी विद्यालयों मे चल प्रयोगशाला के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोग सिखाने पर उनका विशेष जोर रहेगा।
कार्यवारी अध्यक्ष डा. बी. एल. चावत ने गत वर्ष का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया

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