उदयपुर। निर्वाचन आयोग ने राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में होने वाली वोटिंग के लिए 53 हजार 126 पोलिंग बूथ तैयार किए हैं। इनमें से 50 फीसदी बूथों पर लाइव मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनको निर्वाचन आयोग के सर्वर से कनेक्ट किया है। प्रदेश में कुछ बूथ ऐसे भी हैं, जहां सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखना तो दूर, कुछ घटना हो जाए तो मोबाइल के जरिए प्रशासन को सूचना भी नहीं दी जा सकती। इसे देखते हुए इन बूथों की निगरानी के लिए विशेष पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी, जो वायरलेस सिस्टम से लैस होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के मुताबिक, प्रदेश में 268 पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क ही नहीं आता। इन बूथों को कम्युनिकेशन शैडो जोन की सूची में डालते हुए यहां पुलिस की विशेष टीमें तैनात की जाएंगी। इन टीमों के पास वायरलेस सेट होंगे, जो चुनाव संबंधित हर गतिविधि पर निगरानी रखते हुए इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देते रहेंगे। भीलवाडा, हनुमानगढ़, जालोर, टोंक, धौलपुर और चूरू में सभी मतदान केंद्रों पर नेटवर्क है, इसलिए इन जिलों में कोई भी मतदान केंद्र शैडो जोन में नहीं है। इन जिलों में जहां भी पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, वहां आसपास किसी न किसी टेलीकॉम कंपनी का नेटवर्क है। उदयपुर में 82 बूथ ऐसे हैं, जहां मोबाइल का नेटवर्क बहुत वीक है या काम नहीं करता है। इसी तरह सिरोही, राजसमंद, बाड़मेर, जैसलमेर, करौली, जयपुर, झुंझुनूं, झालावाड़ और नागौर में कुछ मतदान केंद्रों को पुलिस-जिला प्रशासन ने नेटवर्क विहीन मानते हुए शैडो बूथ की श्रेणी में शामिल किया है
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