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आयुक्त के आदेश के बाद भी निगम के कर्मचारी नहीं हटा रहे अतिक्रमण

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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। देहात जिला कांग्रेस कमेटी उदयपुर के पूर्व महासचिव प्रदीप त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उदयपुर नगर निगम के वार्ड नं 17 में अरावली गैस सर्विस कार्यालय के सामने वर्षों पूर्व नगर निगम द्वारा एक सिटी बस स्टैंड बनाया हुआ था जिसका पूर्व में नगर निगम द्वारा संचालित की जा रही बसों के लिए क्षेत्र की जनता उपयोग करती थी लेकिन पिछले वर्षों में नगर निगम द्वारा सिटी बसों का संचालन बंद होने से तथा निगम द्वारा आवश्यक रख रखाव के अभाव में उक्त बस स्टैंड टूटने की कगार पर आ गया था जिसे इस बस स्टैंड के पीछे स्थित प्लाट मालिक द्वारा जिसने स्वयं नियम विरुद्ध तीन दूकानों और प्रथम मंजिल पर मकान का निर्माण करा दिया गया, के दबाव में आकर निगम के अधिकारियों ने इस बस स्टैंड को तोड़ दिया।
प्रदीप त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस प्रकरण के बारे में नगर निगम को क्षेत्रवासियों कई बार लिखित में सूचित भी कराया गया था और यह खबर विभिन्न समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई थी मगर नगर निगम के अधिकारी विजय जैन, राहुल मीणा और भवन निर्माण शाखा के अधिकारियों ने प्रकरण को गम्भीरता से नहीं लिया और उक्त प्लाट पर नियम विरुद्ध ( बिना सेट बैक छोड़े ) पूरा निर्माण होने दिया जबकि इसी मकान के पास बने मकान मालिक ने आगे की ( सड़क की तरफ) तरफ नियमानुसार जगह छोडी गयी साथ ही इसी मकान के सामने स्थित प्लाट पर भी नियमानुसार आगे की तरफ जगह छोड़ कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसी मकान मालिक को व्यक्तिगत फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से निगम के अधिकारियों ने निगम की सम्पत्ति ( सिटी बस स्टैंड) का आवश्यक रखरखाव/ मरम्मत करने की बजाय बस स्टैंड को तोड़ दिया और दिखावे और क्षेत्रीय जनता गुस्सा ना हो उसके लिए हिरण मगरी सेक्टर 11 में गवरी चौक के पास नये बस स्टैंड का आधा अधुरा निर्माण करा निगम के पैसों का दोहरा नुकसान कराया।
प्रदीप त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यदि इस क्षेत्र में बस स्टैंड की आवश्यकता नहीं होने की वजह से निगम द्वारा पुराने बस स्टैंड को हटाया गया तो दूसरी तरफ नये बस स्टैंड ( आधा) को बनाने की क्या आवश्यकता हो गयी और जिस स्थान पर यह नया (आधा) बस स्टैंड बनाया गया वो उचित स्थान पर भी नहीं है और हाल फिलहाल इसकी आवश्यकता भी नहीं है क्योंकि अभी इस रुट पर किसी भी सिटी बस का संचालन नहीं हो रहा है और यदि भविष्य को देखते हुए अगर नये बस स्टैंड का निर्माण कराया जाना जरूरी भी है तो जिस स्थान पर नये बस स्टैंड (आधे बस स्टैंड) का निर्माण कराया गया है वह स्थान सड़क के घुमावदार जगह पर है जहां दुर्घटना होने की आशंकाएं बनी रहेगी साथ ही उसके पीछे करीब 15 से 20 फीट चौड़ा और करीब 7 – 8 फीट गहरा नाला है और उसके पीछे श्मशान है जहां पर हिरण मगरी सेक्टर 11, 13, 14, गोवर्धन विलास गांव, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के निवासी अपने परिजनों की मृत्यु होने पर इसी श्मशान में दाह संस्कार के लिए आते हैं। अतः जब निकट भविष्य में यदि इस रुट पर सिटी बसों का संचालन होगा तब भी इस बस स्टैंड का औचित्य नहीं रहेगा क्योंकि जब श्मशान घाट में दाह संस्कार हो रहा होगा तो लाश जलने की बदबू से यहां खड़ा रहना भी मुश्किल होगा जिससे इस बस स्टैंड का सदुपयोग नहीं हो पायेगा।
प्रदीप त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 16 नवंबर 2024 को प्रकरण पर नगर निगम आयुक्त द्वारा हुए उक्त मकान मालिक द्वारा कराये गये निर्माण को बिना स्वीकृति और अवैध निर्माण की श्रेणी मे मानते हुए अवैध निर्माण को 24 घण्टे में हटाने का नोटिस जारी किया अन्यथा मकान मालिक के विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 194 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी लेकिन नगर निगम कार्यालय के शुभचिंतक अधिकारी/कर्मचारियों ने निगम द्वारा जारी नोटिस पर लीपापोती कर दी और अपने ही उच्च अधिकारी के आदेश पर अमल नहीं कर है और अधिकारी ने भी सिर्फ 24 घंटे में अवैध निर्माण हटाने का आदेश दे कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली है जबकि नोटिस जारी किए करीब एक महीना होना आया है पर अपने ही आदेश की पालना नहीं की।
प्रदीप त्रिपाठी ने मुख्य शासन सचिव राजस्थान सरकार, अतिरिक्त शासन सचिव यूडीएच जयपुर, जिला कलेक्टर उदयपुर, आयुक्त नगर निगम उदयपुर को ई मेल से प्रकरण पर व्यक्तिगत रुचि लेने का निवेदन करते हुए सरकारी पैसों का दुरुपयोग करने वाले तथा सरकारी नियमों का पालन नहीं करने / कराने वाले अधिकारियो और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उक्त प्लाट पर नियम विरुद्ध कराये गये निर्माण कार्य को तुड़वाने तथा पुराने स्थान पर ही नया स्मार्ट सिटी बस स्टैंड निगम के उन अधिकारियों और कर्मचारियों के पैसों से बनवाने की मांग की जो इस बस स्टैंड को तुड़वाने में लिप्त थे।
प्रदीप त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यदि बस स्टैंड पुनः निर्माण इसी स्थान पर कराया जाता है तो इसके पीछे करीब 250 मकानों की कोलोनी बसी हुई है वो इस बस स्टैंड का उपयोग करेगी। साथ ही आप द्वारा इस प्रकरण पर सकारात्मक कार्रवाई होती है तो इस प्रकरण में अनियमितता/भ्रष्टाचार करने वाले सरकारी अधिकारियों/ कर्मचारियों और भवन मालिक को एक सबक मिलेगा और निकट भविष्य में इस तरह के कार्य की पुनरावृत्ति पर रोक लगेगी।

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