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अजमेर के फायसागर का नाम बदल कर वरूणसागर किया, एलिवेटेड ब्रिज का नाम भी “रामसेतु“ रखने का सुझाव

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24 न्यूज अपडेट, अजमेर। अजमेर में ऐतिहासिक स्थलों और संरचनाओं के नाम बदलने की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में 132 साल पुरानी फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर झील कर दिया गया है। इस बदलाव को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री व भाजपा नेता वासुदेव देवनानी ने स्पष्ट किया कि गुलामी के प्रतीकों से जुड़े नामों को बदलने का यह सिलसिला जारी रहेगा और आगे भी ऐसे किसी नाम की पहचान होने पर उसे भारतीय और सनातन संस्कृति के अनुरूप रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक है बल्कि यह भाजपा के चुनावी मेनिफेस्टो का भी हिस्सा रहा है, जिसके तहत इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।
फॉयसागर झील, जिसका नाम एक ब्रिटिश इंजीनियर के नाम पर रखा गया था, अब वरुण सागर झील कहलाएगी। देवनानी ने कहा कि वरुण देवता सिंधी समाज और अन्य समुदायों के आराध्य देवता माने जाते हैं, और भगवान झूलेलाल का अवतार भी वरुण सागर में हुआ था। चूंकि अजमेर में सिंधी समुदाय की बड़ी आबादी निवास करती है, इसलिए इस झील का नाम वरुण सागर रखना अधिक प्रासंगिक है। इसके अतिरिक्त, झील के किनारे वरुण देवता की प्रतिमा स्थापित करने की भी योजना बनाई गई है, जिससे यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्राप्त कर सके। साथ ही, यहां एक घाट के निर्माण की भी योजना बनाई जा रही है ताकि झील के पास होने वाले धार्मिक आयोजनों को और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके।
नाम बदलने की इस मुहिम के तहत पहले ही कुछ अन्य स्थानों के नाम बदले जा चुके हैं। उदाहरण के लिए, 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह रखा गया है, जो महर्षि दयानंद सरस्वती के सम्मान में किया गया एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इसके अलावा, राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) के होटल ‘खादिम’ का नाम बदलकर ‘अजयमेरु होटल’ कर दिया गया है।
देवनानी ने आगे बताया कि अजमेर में बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज का नाम भी “रामसेतु” रखने का सुझाव आया है। इस पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की गई है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस नाम को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह भारत की धार्मिक आस्था और रामायण की कथा से सीधे जुड़ा हुआ है।

इसके अलावा, अजमेर की जयपुर से होने वाली एंट्री को और अधिक आकर्षक व ऐतिहासिक पहचान देने की योजना बनाई जा रही है। अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) एक नया आवासीय प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रहा है, जिसका नाम भी बदलकर “अटल आवासीय योजना” रखा जाएगा। यह योजना स्वच्छ, आधुनिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध अजमेर के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

देवनानी ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव केवल नाम तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि इन स्थानों को भारतीय सांस्कृतिक पहचान से जोड़ने और उनके धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को उभारने के लिए आवश्यक संरचनात्मक और भौतिक बदलाव भी किए जाएंगे। सरकार की मंशा यह है कि गुलामी के प्रतीकों को हटाकर ऐसे नामों और स्थानों को बढ़ावा दिया जाए जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का सम्मान करते हों।

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