24 News Update बांसवाड़ा। वनरक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी गोविंद तेतरवाल को 11 दिन की पुलिस रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। आरोपी गोविंद वाणिज्य कर विभाग जोधपुर में कार्यरत था और उसकी भूमिका पेपर लीक गिरोह में अहम मानी जा रही है। पूछताछ के दौरान गोविंद ने तीन लोगों को पेपर पढ़ाने की बात स्वीकार की है। साथ ही, उसके साले की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जो फिलहाल फरार है। एसओजी टीम उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
एसओजी के एएसआई सुनील कुमार ने बताया कि इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। गिरोह की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। अब तक एसओजी की टीम कुल 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मामले की जांच एएसपी भवानी शंकर के सुपरविजन में की जा रही है।
जबराराम से संपर्क और पेपर डीलिंग
गौरतलब है कि इस पूरे प्रकरण का मुख्य सूत्रधार जबराराम जाट है, जिससे गोविंद तेतरवाल 2013 से संपर्क में था। वर्ष 2018 में सरकारी नौकरी लगने से पहले गोविंद कल्याणपुरा में शराब की दुकान चलाता था। यहीं से उसकी संदिग्ध गतिविधियों की शुरुआत मानी जा रही है। शराब दुकान पर काम करने वाले हीराराम के परिजन ओमप्रकाश और प्यारी को गोविंद ने 3.5-3.5 लाख रुपए लेकर पेपर उपलब्ध करवाया था। इसी तरह उसने अपने चचेरे भाई सुरेंद्र को भी उसी रकम में पेपर पढ़ाया। पूछताछ में सामने आया है कि यह रकम गोविंद ने आगे जबराराम को दी थी। फिलहाल प्यारी को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि ओमप्रकाश परीक्षा में फेल हो गया था, लेकिन उस पर भी पेपर लीक मामले में भूमिका का आरोप है।
सरकारी परिवार की परतें खुलेंगी
एसपी भवानी शंकर के अनुसार, गोविंद के परिवार के एक दर्जन सदस्य विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत हैं। ऐसे में संदेह है कि कहीं यह नेटवर्क परिवार या रिश्तेदारों तक फैला तो नहीं है। इस दिशा में जांच की जा रही है और सभी की पृष्ठभूमि को खंगाला जाएगा। मार्च में गोविंद तेतरवाल कुछ दिनों की छुट्टी लेकर अपने विभाग से गया था, लेकिन उसके बाद वह ड्यूटी पर नहीं लौटा। विभाग द्वारा नोटिस देने के बावजूद कोई उत्तर नहीं मिला, जिससे उसका वेतन भी रोक दिया गया था। एसओजी ने उसे 19 जून को गिरफ्तार किया और 20 जून को बांसवाड़ा कोर्ट में पेश कर 11 दिन की रिमांड पर लिया गया था।
वनरक्षक भर्ती पेपर लीक मामलाः सरकारी नौकरी लगने से पहले शराब की दुकान चलाता था गोविंद, जेल भेजा, अब तक 35 गिरफ्तारियां

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