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लाइनमैन की मौत का मामला : 15 लाख 51 हजार का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी के आश्वासन के बाद उठाया शव, एसडीएम गिर्वा और ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने की समझाइश

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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। नाई थाना क्षेत्र में शनिवार शाम को लाइन बिजली कनेक्शन ठीक करने के लिए चढ़े युवक की मौत के मामले में आज दोपहर तक गतिरोध बना रहा। ग्रामीणों व परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा सहित कई गांवों के सरपंच, कार्यकर्ता व समाजसेवी और बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ मोर्चरी के बाहर जमा हो गई। ग्रामीण विधायक की मौजूदगी में जिला प्रशासन और परिजनों की बीच समझौता वार्ता चलती रही। ग्रामीण विधायक करीब दो घंटे तक लोगों के बीच बैठे व बातचीत कर समझाया। उन्होंने लोगों के आक्रोष को देखते हुए उर्जा मंत्री से भी बात की व मुआवजा राशि दिलवाने में मदद की बात कही। ग्रामीण एएसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, गोवर्धनविलास थानाधिकारी नरपतसिंह की भी मौजूदगी रही। ग्रामीणों की मांग थी कि 21 लाख का मुआवजा दिलवाया जाए। बातचीत के बाद कुल 15 लाख 51 हजार के मुआवजे पर बात बनी। इसमें से 2 लाख रूपए बिजली निगम के कर्मचारियों की ओर से नकद सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा हुई। इसके अलावा मुख्यमंत्री बीमा योजना की राशि व अन्य राशि को जोड़ कर कुल 15 लाख 51 हजार की सहयोग राशि तय की गई तथा परिवार में से किसी एक को संविदा नौकरी दिलाने की भी घोषणा की गई। आपको बता दें कि बलीचा निवासी नानाराम (40) पुत्र केसू गमेती की कल लाइन ठीक करते खंभे पर चिपकने से मौत हो गई थी। मौत के बाद मुआवजे पर अड़े परिजनों ने शव को नीचे नहीं उतारने दिया था। देर रात को शव को समझाइश के बाद मोर्चरी लाया गया। घटना कल शाम को 6 बजे की थी। इसमें नाई स्थित नया खेड़ा में नानाराम खंभे से गुजर रही लाइन में कनेक्शन जोड़ रहा था। उस दौरान लाइटें बंद थीं व तेज बारिश हो रही थी। अचानक लाइन में करंट शुरू हो गया और नानाराम की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद लोगों ने बिजली निगम और थाने में सूचना दी लेकिन देर रात तक कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे भी साफ जाहिर हुआ कि पूरा प्रशासन किस कदर संवेदनहीन हो गया हैं व नेताओं परिक्रमा करते-करते जनता को ही दोयम दर्जे का समझने लगा है। पुलिस व निगम टीम जब मौके पर आई तो लोगों ने भारी विरोध जताया। पजिरनों ने मुआवजे की मांग करते हुए शव नहीं उतारने दिया।

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