उदयपुर। वैश्विक क्षत्रिय सम्मलेन प्रवक्ता रणवीर सिंह जोलावास ने बताया कि हवन, अश्व पूजन से प्रारंभ हुआ दो वैश्विक क्षत्रिय महासम्मेलन सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर 100 से अधिक वक्ताओं के सुझाव, वैचारिक मंथन एवं नए प्रस्तावों के साथ संपन्न हुआ । महासम्मेलन की अध्यक्षता महाराज कुमार विश्वराज सिंह मेवाड़, मुख्य अतिथि महाराव वंशवर्धन सिंह बूंदी, संत आशीर्वाद पीठाधीश्वर सुदर्शनाचार्य बड़ी सादड़ी ने प्रदान किया । मुख्य अतिथि महाराव वंशवर्धन सिंह बूंदी ने अपने उद्बोधन मे कहा की संस्कृति, संस्कार क्षत्रिय की पहचान है, यदि संस्कृति बचती है तो क्षात्र धर्म भी बचेगा । हम सभी को अपने व्यक्तिगत स्तर पर अपने प्रयास करने चाहिए और समाज को सशक्त करना चाहिए । संत आशीर्वाद मे पीठाधीश्वर सुदर्शनाचार्य ने क्षत्रियों को सर्व समाज को साथ लेकर चलने एवं अपना मार्गदर्शन प्रदान करने की जिम्मेदारी का दायित्व बोध कराया । मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष श्री अशोकसिंह जी मेतवाला ने सम्मलेन के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व के क्षत्रियो के सर्वांगीण विकास हेतु आवश्यक कदम उठाने व एकता स्थापित करने पर बल दिया। इतिहासकारों ने इतिहास के विकृतिकरण को रोकने और शुद्धिकरण के लिए पुराने दस्तावेज़ों, शिलालेखों, पुरातात्विक साक्ष्यों और मूल साहित्य का वैज्ञानिक तरीकों से अध्ययन कर निष्पक्ष रूप से उनके तथ्यों को सामने लाने की बात कही ।

वैश्विक क्षत्रिय महासम्मेलन मुख्य संयोजक जालम सिंह दातडा ने अतिथियों के स्वागत के साथ वक्ताओ को सम्मेलन की दिशा एवं भविष्य की रूपरेखा पर जानकारी प्रदान करी । मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान उदयपुर की मेजबानी में आयोजित किये वैश्विक क्षत्रिय सम्मलेन मे सात सत्रों मे मार्गदर्शन मंडल सदस्य व मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व विधायक महाराज रणधीर सिंह जी भीण्डर, प्रबंधक प्रोफ़ेसर दरियाव सिंह जी चुण्डावत, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा महामंत्री भवानी प्रताप सिंह ताणा, मारवाड़ राजपूत सभा अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा, करनी सेना अध्यक्ष प्रताप सिंह कालवी, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा राजसमंद अध्यक्ष कुलदीप सिंह ताल, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष विश्वजीत सिंह जाजलि, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह जी तंवर, कुबेर सिंह चावडा भिंडर, कलाजी विकास संस्थान जयसमंद के संस्थापक नाथू सिंह आदि समाज पथ प्रदर्शक उपस्थति रहे ।   
अधिकांश वक्ताओं ने रोष जताया की राणा पूंजी सौलंकी को भील बताकर राजनीतिक दल अपना फायदा देख रहे हैं एवं पाठ्य पुस्तकों में भी ऐसा छाप दिया गया है जो कि गलत है । संपूर्ण सदन में प्रस्ताव पारित किया गया कि राज्य सरकार पानरवा का असली इतिहास उजागर किया । शोधकर्ताओं और इतिहासकारों को राजनीतिक दबावों से स्वतंत्र रख, पुरातात्विक साक्ष्यों और मूल साहित्य जिसमे महाराणा भूपाल सिंह जी द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन को आधार मान सही इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया ।
वक्ताओं ने अपने उद्बोधन मे कहा कि मेवाड़ राजपरिवार की ॥स्न प्रॉपर्टी के कर्ता महाराणा महेंद्र सिंह जी हैं, जबकि कुछ दिनों पूर्व महामहिम राष्ट्रपति महोदया की सिटी पैलेस परिसर में आगमन होने पर सरकारी अधिकारियों ने उनके समक्ष इस बात को गोपनीय रखा एवं उक्त कोर्ट फेसले अधीन विवादास्पद परिसर पर  ॥स्न प्रॉपर्टी के कर्ता महाराणा महेंद्र सिंह जी मेवाड़ द्वारा प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं ली गई,  अत: इस प्रकरण से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार कार्यवाही करे । 
वैश्विक क्षत्रिय महासम्मेलन में मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, भीलवाड़ा से आए जिला अध्यक्षों ने सम्मेलन में अपने विचार साझा किये तथा संयोजक जालम सिंह राठौड़ का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने हिंदुस्तान के सभी क्षत्रिय संगठनों का एक जाजम पर लाकर महाराणा मेवाड़ के नेतृत्व में क्षत्रिय समाज की भविष्य की दिशा तय करने का विचार अपने मन में बनाया ।
प्रमुख पदाधिकारियों मे आस्ट्रेलिया में राम मंदिर निर्माणकर्ता दिलावर सिंह, उत्तरप्रदेश से डॉक्टर एन पी सिंह, हरियाणा से डॉक्टर ॥्य सिंह, कलकत्ता से सुरेंद्र सिंह राजपूत, मध्यप्रदेश से जगदीश सिंह राघव, उत्तराखंड से नरेश वत्स, धर्मेंद्र सिंह गोहिल भावनगर, सुखबीर सिंह सिसोदिया दिल्ली से, तेलंगाना से मुरली सिंह, गाजियाबाद से आमोद सिंह, हरियाणा से राव नरेंद्र सिंह चौहान, गुजरात से राणा चंद्र विजय सिंह झाला, वेदप्रताप सिंह चौहान गाजियाबाद, सविता कुंवर राठोड मध्य प्रदेश से, विश्वजित सिंह जाजलि प्रतापगढ़ से, अनुपमा सिंह नागपुर, राजेंद्र सिंह नरुका अलवर, तमिलनाडु से जे संतोनाम, जयवीर सिंह चुडासमा, दूल्हा सिंह चुण्डावत  उदयपुर, कृष्णा कँवर पानरवा आदि ने विभिन्न सत्रों में अपने सुझाव प्रदान किए । आयोजक मण्डल सदस्यों मे गणपत सिंह नरेला, जय सिंह जोधा, बिंदु कँवर राजावत, हेमेंद्र सिंह दवाना, प्रवीण सिंह झाला, फ़तेह सिंह राठोड, अर्जुन सिंह गढ़पुरा, चांदवीर सिंह दांतड़ा रहे।
निम्न प्रस्ताव पास किए
– इतिहास के विकृतिकरण को रोकने और शुद्धिकरण के प्रयास
–  महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम आयोजित करना
– क्षत्रिय आचार संहिता निर्माण करना
– दुर्गादास स्मारक निर्माण करना
–  ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया तिथि अनुसार पूरे भारत में प्रताप जयंती पर केंद्र सरकार की और से राष्ट्रीय अवकाश तथा कार्यक्रम आयोजित किए जाये
– राजस्थान बजट में घोषित महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय, उदयपुर के खेलगांव स्टेडियम में स्थापित किया जाए
– पाली में माँ जैवन्ता बाई के नाम से मेडिकल कॉलेज का निर्माण करना
– युवाओं को शिक्षा एवं स्वरोजगार के साथ आर्थिक सशक्तिकरण करना
– मेवाड़ राजवंश परिवार सदस्य को अयोध्या मंदिर में ट्रस्टी बनाना
महासम्मेलन सर्व क्षत्रिय समाज संगठन पदाधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, क्षत्रिय राजनीतिक नेताओं, विदेशी आगंतुकों, समाज चिंतकों की उपस्थिति में संमपन्न हुआ । सम्मेलन का संचालन प्रोफेसर दरियाव सिंह चुंडावत एवं रणवीर सिंह जोलावास ने किया ।


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By desk 24newsupdate

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