-महाकवि कालिदास के साहित्य में पर्यावरण चेतना पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
उदयपुर, 14 फरवरी। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड विश्वविद्यालय) के संघटक महाविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा “महाकवि कालिदास के साहित्य में पर्यावरण चेतना” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. नीरज शर्मा, संस्कृत विभागाध्यक्ष, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने अपने उदबोधन में कहा कि महाकवि कालिदास की पर्यावरण चेतना आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कालिदास के साहित्य में पर्यावरण के महत्व को विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सुरेन्द्र द्विवेदी, पूर्व प्राचार्य, निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय ने की। डॉ. द्विवेदी ने महाकवि कालिदास के साहित्य में पर्यावरण से जुड़ी महत्वपूर्ण अवधारणाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। विशिष्ट अतिथि प्रो. श्रीनिवासन अय्यर, पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष, माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय ने अभिज्ञान शाकुंतलम में पर्यावरण के तत्वों पर चर्चा की।
संगोष्ठी के आयोजक डॉ. कुसुमलता टेलर ने बताया कि संगोष्ठी में 50 से अधिक विद्वानों और शोधार्थियों से शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. चंदनबाला मारू, आचार्य, संस्कृत विभाग, मीरा कन्या महाविद्यालय ने विचार व्यक्त किए। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. श्रीनिवासन अय्यर ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में गिरिजा शंकर त्रिवेदी, संस्कृत विद्वान और सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ. सुरेन्द्र द्विवेदी उपस्थित थे।
संगोष्ठी में विभिन्न सत्रों में शोध पत्र वाचन किए गए। डॉ. कुसुमलता टेलर ने संगोष्ठी का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सहायक आचार्य डॉ. नारायण सिंह राव ने किया। कार्यक्रम के अंत में संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य निलेश जैन ने आगंतुक सभी अतिथियों का शब्द सुमनों द्वारा आभार व्यक्त किया।

