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थाने में फौजी की पिटाई पर फटकार लगाने पहुंच गए राज्यवर्धन, पुलिसवालों ने कमांडो से कहा था- पुलिस सेना की बाप है। लेकिन बड़ा सवाल, पुलिस तो ऐसा लगभग हर रोज करती है, कई निर्दोष पीटे जाते हैं पुलिस सुनवाई तक नहीं करती, क्या राज्यवर्धन करेंगे सबकी पैरवी???

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24 न्यूज अपडेट, जयपुर। जयपुर में आज उद्योग और सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुलिस अफसरों को जमकर फटकार लगाई। वे शिप्रापथ थाने में फौज के कमांडो को कपड़े उतारकर पीटने से नाराज थे। घटना की जानकारी मिलते ही मंत्री राठौड़ शिप्रापथ थाने पहुंचे। मौके पर ही जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाते हुए नसीहत दी। इस दौरान राठौड़ ने बीच में बोलने पर एसीपी को भी जमकर फटकार लगाई। एसीपी से कहा- आपने पुलिस में बेसिक मैनर्स नहीं सीखे। दरअसल, एक दिन पहले ही सेना के कमांडो अरविंद अपने किसी परिचित के केस के सिलसिले में जानकारी लेने शिप्रापथ थाने गए थे। थाने में पुलिसवालों ने ठीक से व्यवहार नहीं किया। उन्होंने खुद के सेना में होने का परिचय दिया। आरोप है कि थाने के एसआई और पुलिस वालों ने कमांडो अरविंद को गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया। उन्हें हवालात में डालकर कपड़े उतारकर पीटा। पुलिसवालों ने कमांडो से कहा- पुलिस सेना की बाप है। कमांडो को जमकर जलील किया गया। कमांडो अभी जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से की। सेना के कमांडो से मारपीट पर मंत्री इतने नाराज हुए कि थाने पहुंच गए। घटना की जानकारी मिलने पर राज्यवर्धन सिंह ने थाने पहुंचकर पुलिसवालों से कमांडो के साथ मारपीट करने पर सवाल जवाब किए। इस दौरान पुलिस के कई वरिष्ठ अफसर भी पहुंच गए। राज्यवर्धन ने मोबाइल में पीड़ित के साथ मारपीट के सबूत दिखाए। इस पर एसीपी संजय शर्मा ने तर्क दिया कि सैनिक ने पुलिसकर्मियों को गाली दी। मुझे भी गाली दी है।
इस मामले में अब बडा सवाल यह उठता है कि लगभग हर रोज कई लोग थानों में इसी तरह पीटे जाते हैं व उनमें से कुछ निर्दोष भी होते हैं। क्या राज्यवर्धन उनकी भी पैरवी करेंगे या फिर बात आई गई हो जाएगी। राज्यवर्धन सिंह ने एसीपी संजय शर्मा के बीच में बोलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। कहा- संजय जी, जब मैं बात कर रहा हूं तो आप क्यों बोल रहे हैं? आपको तो बेसिक प्रोटोकॉल ही नहीं पता, मैं बात कर रहा हूं न। आप वहां किससे बात कर रहे हैं? उसे छोड़िए गाली तो बहुत छोटी चीज हो गई। ये तो मुझसे ही लड़ना चाहते हैं। मैं यहां धैर्य से सब सुन रहा हूं, लेकिन संजय शर्मा कंटेस्ट करना चाहते हैं। जब आपसे बात की जाए तो जवाब दीजिए, नहीं तो सावधान में खड़ा रहिए। यहां नहीं खड़े रहना चाहते तो अपने दफ्तर जाइए। राज्यवर्धन ने कहा- आपने बेसिक मैनर्स नहीं सीखे। पुलिस के अंदर वर्दी है तो अलग रोब हो गया है। कोई धैर्य ,कोई पेशेंस, कुछ है? कोई जनता की सेवा मन में है या दादागिरी है? आप ऐसे लोगों को सामने क्यों रखते हो? मैंने आपको धैर्य से फोन किया। वो तो मुझसे ही लड़ रहे हैं। उसको गाली दी या नहीं, भाड़ में जाए। आपने सेना में सर्विंग सोल्जर को नंगा करके डंडे मारे या नहीं मारे?

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