उदयपुर। डबल इंजन की सरकार में आखिर कोई कैसे सर्टिफिकेट के नाम पर चौथ वसूली कर सकता है। आखिर कोई इतना पावरफुल कैसे हो सकता है कि जिस जिले में वह वसूली कर रहा है उसके नगर निकाय के प्रमुखों से उसे डर नहीं है??? कार्रवाई या ट्रेप होने का कोई डर नहीं है??? डबल इंजन की सरकार के ट्रिपल इंजन के मुखिया जैसा रूतबा रखने वालों को लाचार होकर आखिर अपने ही राज्य के मुखिया को चि_ी क्यों लिखनी पड़ रही है। सवाल बड़े व गंभीर है। ऐसा भी तब जब सीएम खुद उदयपुर पधारे हैं। उनसे मिलकर ही समस्या क्यों नहीं बताई जा रही। पार्टी की ओर से भी यह मांग जोर-शोर से उठाकर प्रदर्शन क्यों नहीं किए जा रहे हैं जैसा कि आम तौर पर बात-बात पर प्रदर्शन कर बताया व जताया जाता है।
बहरहाल खबर ये है कि नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर सफाई कर्मचारियों की भर्ती हेतु अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है। नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का सफाई कर्मचारियों की भर्ती हेतु आदेश जारी किया जाना स्वागत योग्य है, लेकिन भर्ती हेतु अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले आवेदन में अनुभव प्रमाण पत्र भी संलग्न करने की अनिवार्यता की गई है। इससे अभ्यर्थियों के लिए बहुत कठिनाई हो रही है। कई निजी सफाई एजेंसी अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने के हजारों रूपए ले रही हैं। एजेंसियों के लिए यह प्रमाणपत्र चौथ वसूली का जरिया बन गया है। सफाई कर्मचारी में गरीब एवं वाल्मीकि समाज के लोग आवेदन करते है जिनको हजारों रुपए देकर अनुभव प्रमाण पत्र लेना पड़ रहा है जो न्याय संगत नहीं है। अत: आवेदन के साथ अभ्यर्थियों को अनुभव प्रमाण पत्र प्रेषित करने की अनिवार्यता को समाप्त कर अभ्यर्थियों को राहत पहुंचाई जाए।
सिंघवी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे पत्र में निजी एजेंसियां जो पैसे लेकर सफाई अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर रही है ऐसी एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। सिंघवी ने कहा कि निजी एजेंसी योग्यता के आधार पर नि:शुल्क अनुभव प्रमाण पत्र जारी करें,यदि चौथ वसूली की जाएगी तो ऐसी एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।
एजेंसी के नाम का होना चाहिए खुलासा
विभिन्न एजेंसियों की ओर से खुलेआम हो रही लूट कोई नई बात नहंी है। सरकारी सिस्टम में कई बार तनख्वाह बनाने, बिल पास करने सहित अन्य कामों के लिए भी पैसे लेते कई लोग ट्रेप हो चुके हैं। जहां तक सफाई कर्मचारियों की भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र का सवाल है, ऐसी कौनसी एजेंसी है जो सरेआम चौथ वसूली पर उतर आई है, उसका नाम जिला कलेक्टर को भी जांच करे हुए सार्वजनिक करना चाहिए ताकि उदयपुर के लोगों को पता चल सके कि लूट तंत्र में शामिल यह फर्म नई है या बरासें से चल रहे सरकारी खाओ-खिलाओ सिस्टम का हिस्सा है। आवेदक गरीब व निर्धन तथा समाज के सबसे निचले तबके से आते हैं। उनकी मदद के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बारे में ठोस निर्णायक कार्रवाई जरूर करेंगे।
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